Etah News: लव मैरिज के बाद चार वर्षों से खटक रहा था रिश्ता, दंपती को मारने के बाद बेटे को मरा जानकर छोड़ा
Etah News हत्यारे अपना काम करने के बाद साफ निकल गए। दोपहर 1 बजे जितेंद्र का भाई पंकज जब घर पहुंचा तो जितेंद्र और प्रीती के शव पड़े थे बच्चा सिसक रहा था। खबर मिलते ही पुलिस भी जा पहुंची और बच्चे को मेडिकल कालेज भिजवाया।
एटा, जागरण टीम। एटा में कोतवाली देहात के गांव श्रीकरा में चार साल से झूठी शान के लिए बेटी और दामाद द्वारा प्रेम विवाह किया जाना मायके पक्ष को खटक रहा था। कई बार इस रिश्ते को मिटाने की साजिश रची गई, लेकिन साजिशकर्ता कामयाब नहीं हुए, अंतत: जान ही ले ली। पति-पत्नी को मारने के बाद भी हत्यारे संतुष्ट नहीं हुए तो मासूम बेटे को भी नहीं बख्शा और उसे मार जानकर छोड़ा। पत्नी ने अपने पति को बचाने का प्रयास किया और हत्यारों से संघर्ष भी किया।
घटनास्थल बता रहा निर्ममता
इस हत्याकांड को अपनी आंखों से तो किसी ने नहीं देखा, लेकिन घटना स्थल के हालात बता रहे हैं कि कितनी निर्ममता से हत्या की गई। हत्या के लिए मांस काटने वाले छुरों का इंतजाम किया गया। इससे साफ जाहिर है कि पूरा षड़यंत्र रचकर वारदात को अंजाम दिया गया। घटना का ठीक से समय भी किसी को नहीं मालूम, क्योंकि सिर्फ सुबह 6 से 7 बजे के बीच जितेंद्र के चाचा देव कुमार ने उसे बैल्डिंग का काम करते हुए देखा था, इसके बाद क्या हुआ उन्हें भी नहीं मालूम।
चाचा का कहना है कि अक्सर आधा शटर गिराकर जितेंद्र काम करता था, इसलिए उन्होंने सोचा कि रोज की तरह काम कर रहा होगा और वे खेत देखने के लिए आगे बढ़ गए। जितेंद्र ने कुछ वर्ष अपने खेत पर मकान बना लिया था जो अमांपुर रोड पर सड़क किनारे है। प्रेम विवाह करने के बाद चार साल से वहीं रह रहा था।
सामने से गुजरकर भी घर नहीं आते थे मायके वाले
जितेंद्र की पत्नी प्रीती के मायके वाले इतने खफा थे कि रोज सामने होकर गुजरते थे, लेकिन कभी घर नहीं आते थे। दो साल पहले आए तो पूरे घर की पिटाई की। इसके बाद फिर कोई संबंध नहीं रखा, लेकिन जितेंद्र को कहीं न कहीं खतरा लग रहा था, यही वजह थी कि वह आधा शटर गिराकर काम करता था।
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सिर्फ एक चीख निकली, फिर बेहोश
जितेंद्र का भाई पंकज जब दुकान का दरवाजा खोलकर अंदर पहुंचा तो पति-पत्नी के शव वहीं पड़े थे और सीढ़ियों पर बच्चा पड़ा हुआ था। पंकज ने बताया कि उसे लगा कि बच्चे में भी सांस नहीं है, लेकिन अचानक बच्चा तेजी से रोने लगा, तब पता चला कि वह जीवित है।
घटनास्थल पर उमड़ पड़ी भीड़
घटनास्थल पर भारी भीड़ उमड़ पड़ी। आसपास के गांवों का हुजूम एकत्रित हो गया, हर कोई मायके पक्ष को ही दोषी ठहरा रहा था क्योंकि लोगों को प्रेम प्रसंग की पूरी कहानी पहले से ही पता थी। प्रीती को भगाने का मामला काफी चर्चित हुआ था और तमाम पंचायतें भी हुईं। दोनों ही पक्ष एक ही जाति के हैं इसलिए नेताओं का भी हस्तक्षेप रहा, लेकिन प्रेमी जोड़ा एक दूसरे से अलग नहीं होना चाहता था।
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बचाने की कोशिश में फिर भिड़ गई
हत्यारे जब जितेंद्र पर हमला कर रहे थे तो चीखने-चिल्लाने की आवाज प्रीती ने सुनी, वह ऊपर थी। जीने में कुछ भारी भरकम सामान रखा था जिसे उसने हत्यारों पर फेंककर मारा, मगर हत्यारे उसे सीढ़ियों से खींच लाए, वह गिर गई, उसकी चूड़ियां टूटी पड़ीं थीं, सामान भी बिखरा पड़ा था। दरअसल जितेंद्र की हत्या दुकान में ही कर दी गई। मासूम बच्चा अमन को हत्यारे उठा लाए और उसके सिर में चाकू से प्रहार कर दिया। चिकित्सकों के मुताबिक ढाई इंच गहरा जख्म उसके हुआ है।