करो ध्रुव और प्रहलाद सी भक्ति, भगवान होंगे वश में
सनानत धर्म संस्कृत महाविद्यालय में चल रही भागवत कथा विभिन्न कथाओं के माध्यम से समझाया सनातन धर्म
जासं, एटा: शहर के सनातन धर्म संस्कृत महाविद्यालय में चल रही भागवत कथा में आचार्य डा. रमेश चंद्र मिश्रा ने भक्त ध्रुव और प्रहलाद की ईश्वर को पाने की ललक का मनोहारी वर्णन किया। उन्होंने कहा कि इन नन्हें बालकों के असीम स्नेह और तप के आगे खुद भगवान विष्णु उनके वश में हो गए।
उन्होंने कहा कि भक्ति और ज्ञान दोनों ही ईश्वर को जानने के माध्यम है। अंतर सिर्फ इतना है कि ज्ञान की कसौटी पर क्यों और कैसे के तत्व उभरते है, जो इन क्यों व कैसे में अटक जाते है। वे उस परम ब्रह्म तक पहुंच ही नहीं सकते। भक्ति के मार्ग में सिर्फ समर्पण की प्रमुखता है, वहां तो खुद ईश्वर ही अपने आप उस भक्त के समर्पण के अनुसार खिचे चले आते है। अपने इसी भक्ति मार्ग के कारण भक्त ध्रुव और प्रहलाद का नाम ईश्वर को अपने वश में करने वालों के रूप में धर्मशास्त्रों में बहुत ही सम्मान से लिया जाता है। कथा परीक्षित डा. एसएन उपाध्याय, सोहन चंद्र शर्मा, कैलाश बाबू, नितिन त्रिपाठी, विनय कुमार, राममुरारी द्विवेदी, बलराम तिवारी, रामनाथ मिश्रा, निर्मल मिश्रा, दीपक मिश्र समेत काफी संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे।