फसल अवशेष जलाने में नहीं सड़ाने में है अत्यंत लाभ
फसल अवशेषों को खेतों में जलाने के बजाय उन्हें सड़ाने का प्रबंध किया जाए। इससे पर्यावरण में प्रदूषण भी कम होगा।
जागरण संवाददाता, एटा: फसल अवशेषों को खेतों में जलाने के बजाय उन्हें सड़ाने का प्रबंध किया जाए। यह सीख सदर विधायक विपिन वर्मा डेविड ने किसानों को दी।
वे यहां जनेश्वर मिश्र सभागार में फसल अवशेष न जलाएं विषय पर कृषि विभाग द्वारा आयोजित कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि किसानों की समझदारी ही उनके फायदे में सहयोगी बनेगी। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार फसल अवशेषों को न जलाने को लेकर बड़े पैमाने पर जागरूकता के प्रयास कर रही है। इसलिए किसानों की जिम्मेदारी है कि वह अपने लिए ही सोच बदलें। फसल अवशेषों की खेतों में जुताई कराएं। या उन्हें सड़ाकर कंपोस्ट खाद बनाएं। मुख्य विकास अधिकारी उग्रसेन पांडेय ने बताया कि फसल अवशेषों की खेतों में जुताई के लिए 50 से 80 फीसद अनुदान दिया जा रहा है। इस अनुदान पर कृषि उपकरण खरीदे जा सकते हैं। लखनऊ से आए अपर कृषि निदेशक कृषि रक्षा रामचंद्र ¨सह ने कहा कि कृषि विभाग किसानों की आय दोगुनी करने के लिए योजनाएं चला रहा है। जिनका लाभ किसान अवश्य लें।
कृषि विशेषज्ञ सुधीर तोमर ने कहा कि इस बार किसानों को रबी की फसलों की नवीनतम प्रजातियों पर 60 फीसद अनुदान दिया जा रहा है। उपकृषि निदेशक प्रसार विजय शंकर ने कहा कि रबी के सीजन के लिए बीज, उर्वरक व रसायन पर्याप्त मात्रा में मौजूद हैं। मृदा विशेषज्ञ डा. वीरेंद्र ¨सह ने खेती में संतुलित उर्वरकों के प्रयोग व नए बीजों के बोने पर जोर दिया। कृषि विशेषज्ञ अमर ¨सह ने फसल अवशेषों के प्रबंधन पर जानकारी दी। इस दौरान सदर विधायक ने फसल अवशेष न जलाएं विषय पर एक अक्टूबर को आयोजित प्रतियोगिता के विजेताओं को प्रमाणपत्र देकर पुरस्कृत किया। वहीं किसानों को मिनी किट वितरित की गईं। कार्यक्रम में विनोद चौहान, जैवेश यादव, देवेंद्र ¨सह, अर¨वद कुमार, सतीशचंद्र, अरुण कुमार, दानवीर ¨सह, दुर्वीन ¨सह आदि लोग मौजूद थे।