दिव्या मिस्ट्री सुलझाने की चुनौती, फिर पहुंची फॉरेंसिक टीम
सिर्फ बिजली के खंभे पर चढ़कर ही पहुंचा जा सकता है घर में अज्ञातों के साक्ष्य मिलने पर ही मिलेगा परिवार की बात को बल
एटा, जासं। एक ही परिवार के पांच लोगों की मौत के मामले में पुलिस के सामने दिव्या मिस्ट्री सुलझाने की बड़ी चुनौती है। भले ही पुलिस यह मान रही है कि पुत्रवधू दिव्या ने चार सदस्यों की हत्या कर खुदकशी की, लेकिन परिवार द्वारा पुलिस की थ्योरी नकारने के बाद अब नए सिरे से पुलिस को माथापच्ची करनी पड़ रही है। पुलिस की प्रारंभिक जांच से असंतुष्ट परिवार की मांग को देखते हुए ही एडीजी अजय आनंद के निर्देश पर मंगलवार को आगरा से फॉरेंसिक टीम पहुंची और कई घंटे तक मकान के अंदर जांच-पड़ताल की।
24 अप्रैल की रात शहर के मुहल्ला श्रंगार नगर में रिटायर्ड फार्मासिस्ट राजेश्वर प्रसाद पचौरी और उनकी पुत्रवधू दिव्या, नाती आरुष और आरव तथा दिव्या की बहन बुलबुल की मौत हो गई थी। आइजी के सोमवार को यहां पहुंचने के बाद पुलिस की थ्योरी में मोड़ आ गया और मृतक राजेश्वर के भाई रामेश्वर प्रसाद पचौरी की तहरीर पर हत्या का मुकदमा अज्ञातों के खिलाफ दर्ज कर लिया गया। विवेचना इंस्पेक्टर सिटी कोतवाली एके सिंह को सौंपी गई है। मृतका दिव्या के पति दिवाकर पचौरी ने पुलिस को बताया था कि बिजली के खंभे पर चढ़कर एक मकान की छत पार करने के बाद हत्या करने वाले मकान के अंदर छत से दाखिल हुए।
कई घंटे रही फॉरेंसिक टीम:
आगरा से आई फॉरेंसिक टीम कई घंटे तक मृतकों के घर में रही और जांच-पड़ताल की। परिवार के सदस्यों से भी फॉरेंसिक टीम ने बातचीत की। एडीजी जोन के निर्देश पर विधि विज्ञान प्रयोगशाला की आई टीम में सीनियर साइंटिस्ट कर्नल प्रताप सिंह, डिप्टी डायरेक्टर रवि चतुर्वेदी, असिस्टेंट साइंटिस्ट धर्मेंद्र सिंह व मयंक चतुर्वेदी शामिल थे। बेहद रिस्की है खंभे से चढ़ना:
दिव्या के पति ने पुलिस को बयान दिया है कि बिजली के खंभे से चढ़कर अज्ञात व्यक्ति मकान के अंदर अपने हाथ से कुंडी खोलकर ऊपर वाले कमरे में पहुंचे जहां बुलबुल लेटी थी। सबसे बड़ी बात यह है कि बिजली के खंभे पर चढ़कर मकान के अंदर पहुंचना बहुत रिस्की है। पुलिस ने इसकी पड़ताल की तो वह भी संतुष्ट नहीं हो सकी। अब पुलिस कह रही है कि ऐसा कुछ है तो जांच में स्पष्ट हो जाएगा। एक-एक कॉल की हो रही जांच-पड़ताल:
पुलिस मृतकों के मोबाइल से मिले नंबरों की जांच-पड़ताल कर रही है। इसके अलावा परिचितों व परिवार के सदस्यों से भी बार-बार बातचीत की जा रही है। पुलिस उन संभावनाओं को तलाश रही है जिनको लेकर परिवार बाहरी व्यक्तियों द्वारा हत्या का आरोप लगा रहा है। परिवार रंजिश से भी अब तक इंकार करता रहा है। दूसरी अहम बात यह है कि घर से कोई सामान, गहने या नकदी जैसी चीजें गायब नहीं हैं। ऐसे में सवाल यह है कि षड़यंत्रकारी कौन है। दिवाकर ने बयान दिया है कि षड़यंत्रकारी कोई भी नजदीकी हो सकता है।
आगरा से आई विधि विज्ञान प्रयोगशाला की टीम ने जांच-पड़ताल की है। घर के अंदर विभिन्न स्थानों और वस्तुओं के फिगर प्रिट लिए गए हैं। पांच लोगों की मौत के मामले की जांच जारी है।
- राहुल कुमार, एएसपी क्राइम एटा