Move to Jagran APP

मर्ज को और बढ़ा रही जिला अस्पताल की बदइंतजामी

हर दिन पहुंचते हैं एक हजार से अधिक मरीज ओपीडी में बैठ रहे महज दो नियमित चिकित्सक

By JagranEdited By: Published: Sun, 04 Oct 2020 06:58 AM (IST)Updated: Sun, 04 Oct 2020 06:58 AM (IST)
मर्ज को और बढ़ा रही जिला अस्पताल की बदइंतजामी
मर्ज को और बढ़ा रही जिला अस्पताल की बदइंतजामी

एटा, जासं। वायरल, मलेरिया, टायफाइड आदि बीमारियों का प्रकोप छाया हुआ है। मरीजों की भरमार है, लेकिन इलाज की व्यवस्था संभाले सरकारी अस्पताल ही बीमार नजर आ रहे हैं। जिला अस्पताल में चिकित्सकों का मिलना ही मुश्किल बना हुआ है। नियमित चिकित्सक ओपीडी में नहीं बैठ रहे। संविदा चिकित्सक और प्रशिक्षु चिकित्सकों को ही इलाज का पूरा जिम्मा दे दिया गया है।

loksabha election banner

जिला अस्पताल में एक दर्जन से अधिक चिकित्सकों की टीम है। कई विशेष चिकित्सक हैं, लेकिन उनकी सेवाएं आम मरीजों को नहीं मिल पा रहीं। नेत्र रोग और अस्थि रोग विभाग में एक-एक नियमित चिकित्सक बैठे नजर आते हैं। जबकि बाल रोग और फिजीशियन कक्ष में कोई भी नियमित चिकित्सक लंबे समय से ओपीडी करते नहीं दिखे हैं। शनिवार को भी बाल रोग कक्ष में एक संविदा चिकित्सक और फिजीशियन कक्ष में एक प्रशिक्षु चिकित्सक मरीजों की नब्ज टटोल रहे थे। फिजीशियन कक्ष के बाहर महिला-पुरुष मरीजों की दो कतार थीं। 10 बजे के बाद होता है समय:

जिला अस्पताल की ओपीडी का समय सुबह आठ से दोपहर दो बजे तक का है, लेकिन यह समय सारिणी तो कागजी है। असल मर्जी तो अस्पताल प्रशासन और चिकित्सकों की चलती है। यहां सुबह 10 बजे के बाद चिकित्सकों के आने का समय होता है। तब जाकर मरीजों का इलाज मिलना शुरू होता है। दोपहर एक बजे तक यह समय समाप्त हो जाता है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.