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घने कोहरे और शीतलहर में फिर लिपटा जनजीवन

एटा, जासं। मौसम का उतार-चढ़ाव शनिवार को फिर दिखा। शुक्रवार तक दिनभर खिली धूप से राहत भरा मौसम अगले ही दिन शनिवार को सुबह से ही बदला दिखा। शनिवार की सुबह घने कोहरे की चादर ओढ़कर आई, वहीं इस मध्य जनमानस को शीतलहर का अहसास पारे के लुढ़कने के साथ बढ़ गया। बदले मौसम से जनमानस प्रभावित दिखा। दोपहर तक मौसम का असर सड़क, बाजार और सार्वजनिक स्थलों पर साफ नजर आया।

By JagranEdited By: Published: Sat, 02 Feb 2019 11:18 PM (IST)Updated: Sat, 02 Feb 2019 11:18 PM (IST)
घने कोहरे और शीतलहर में फिर लिपटा जनजीवन
घने कोहरे और शीतलहर में फिर लिपटा जनजीवन

एटा, जासं। मौसम का उतार-चढ़ाव शनिवार को फिर दिखा। शुक्रवार तक दिनभर खिली धूप से राहत भरा मौसम अगले ही दिन शनिवार को सुबह से ही बदला दिखा। शनिवार की सुबह घने कोहरे की चादर ओढ़कर आई, वहीं इस मध्य जनमानस को शीतलहर का अहसास पारे के लुढ़कने के साथ बढ़ गया। बदले मौसम से जनमानस प्रभावित दिखा। दोपहर तक मौसम का असर सड़क, बाजार और सार्वजनिक स्थलों पर साफ नजर आया।

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शुक्रवार रात तक किसी को अहसास नहीं था कि मौसम फिर करवट लेगा। धूप खिलने के साथ तापमान अधिकतम 22 और न्यूनतम 10 डिग्री रहा। शनिवार को सुबह लोग जागे तो बाहर के धुंधलेपन को देख समझ गए कि कोहरा है। ग्रामीण क्षेत्रों में घने कोहरे की चादर के मध्य जहां लोगों के दैनिक कार्य प्रभावित हुए। वहीं शहरों में भी घना कोहरा यातायात को प्रभावित किए रहा। पिछले कुछ दिनों की तरह लोगों को 10 बजे के बाद धूप खिलने की उम्मीद थी, लेकिन कोहरा न छटा। सुबह कोहरे के कारण जहां स्कूल जाते बच्चों को फिर परेशानियां उठानी पड़ीं। वहीं स्कूल की बसें भी देर-सवेर बच्चों को लेकर स्कूलों तक पहुंची। स्कूलों में भी बच्चों की संख्या कम रही।

उधर सुबह यह हाल था कि रोडवेज बस स्टैंड पर यात्रियों का टोटा और फिर शहर के बाजारों में भी सुबह 11 से 12 बजे के मध्य भीड़भाड़ नाममात्र थी। दोपहर 12 बजे भी सूर्यदेव बादलों में छुपे ही रहे। लगभग दो बजे के करीब कुछ धूप निकली, लेकिन सुबह की शीतलहर के मध्य लोगों को ज्यादा राहत नहीं दे सकी। सुबह मौसम खराब होने के कारण शहर की सब्जी मंडी में भी ग्रामीण क्षेत्रों से सब्जी की आवक देर से ही हो सकी। अनाज मंडी में भी रोज की तरह रौनक नहीं थी। सुबह कोहरे के मध्य जीटी रोड सहित अन्य मार्गों पर भी वाहनों की रफ्तार थमी रही। इस तरह मौसम के बदलाव से रोगों के बढ़ने की भी स्थितियां बढ़ गईं हैं। इतना जरूर है कि शनिवार को 8 डिग्री सेल्सियस तापमान से गेहूं की 1.6 लाख हैक्टेयर फसलों को खासा लाभ रहा है।


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