महिला दिवस पर अस्पताल में भर्ती सभी माताओं ने जन्मी बेटियां
महिला दिवस पर महिला अस्पताल में शुक्रवार को बेटियों की बहार रही। यहां भर्ती हुई महिलाओं ने बेटियों को ही जन्म दिया। महिला संगठनों ने उत्साह बढ़ाते हुए माताओं का सम्मान किया। इस मौके पर संगठनों के प्रतिनिधियों ने खुशी जताई और बधाईयां दीं। दरअसल जिला अस्पताल में 8 मार्च को पांच गर्भवती महिलाएं भर्ती थीं जिनमें से सभी ने बेटियों को ही जन्म दिया। इस अवसर पर उनके परिवार भी काफी खुश नजर आए। परिजन बोले कि हम सौभाग्यशाली हैं जो हमें बेटी मिली है।
एटा, जासं। महिला दिवस पर महिला अस्पताल में शुक्रवार को बेटियों की बहार रही। यहां भर्ती हुई महिलाओं ने बेटियों को ही जन्म दिया। महिला संगठनों ने उत्साह बढ़ाते हुए माताओं का सम्मान किया। इस मौके पर संगठनों के प्रतिनिधियों ने खुशी जताई और बधाईयां दीं।
दरअसल जिला अस्पताल में 8 मार्च को पांच गर्भवती महिलाएं भर्ती थीं, जिनमें से सभी ने बेटियों को ही जन्म दिया। इस अवसर पर उनके परिवार भी काफी खुश नजर आए। परिजन बोले कि हम सौभाग्यशाली हैं जो हमें बेटी मिली है। आमतौर पर होता यह है कि कोई बेटा को जन्म देता है तो कोई बेटी को, लेकिन महिला दिवस के मौके पर यह अजीब इत्तफाक था कि सबने बेटियों को ही जन्म दिया। यह खबर जब विश्व हिदू महासंघ के मात्र शक्ति प्रकोष्ठ की कार्यकर्ताओं को लगी तो वे एकत्रित होकर महिला अस्पताल पहुंच गईं और जन्म देने वाली माताओं से मिलीं। उन्हें बधाईयां दीं और अच्छी परवरिश व उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
इस अवसर पर महासंघ की प्रदेश महामंत्री निशा चौहान ने कहा कि यह नारी सशक्तीकरण का दौर है और आज के जमाने में नारी शक्ति एक बड़ी ताकत के रूप में दिखाई देती है। हमारे अंदर हर मोर्चे पर डटे रहने का जज्बा है। जिला उपाध्यक्ष उमा पुंढीर ने कहा कि आधी आबादी से दुनिया कायम है। बेटियां हमारे घर की लक्ष्मी हैं और हमें उतनी ही प्यारी हैं जितने कि बेटे प्यारे होते हैं। वह दौर चला गया जब बेटी पैदा होने पर लोग मुंह बना लेते थे, आज के लोग जागरूक हो चुके हैं, जो बेटी के जन्म पर भी खुशियां मनाते हैं। इस मौके पर प्रीति चतुर्वेदी, सन्नो गुप्ता, पूनम शर्मा, उर्मिला लोधी, सुनीता गुप्ता, शीतल वाष्र्णेय, रेखा वाष्र्णेय, मीडिया प्रभारी हरीश प्रताप सिंह, नलिनराज आदि मौजूद रहे।