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सुप्रीम फैसले के बाद पटाखा कारोबारियों में हड़कंप

एनजीटी की पहल पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद पटाखा कारोब

By JagranEdited By: Published: Tue, 10 Nov 2020 05:22 AM (IST)Updated: Tue, 10 Nov 2020 05:22 AM (IST)
सुप्रीम फैसले के बाद पटाखा कारोबारियों में हड़कंप
सुप्रीम फैसले के बाद पटाखा कारोबारियों में हड़कंप

एटा, जागरण संवाददाता : एनजीटी की पहल पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद पटाखा कारोबारियों में हड़कंप मच गया। यहां इन कारोबारियों ने पटाखों का स्टाक कर रखा है। पुलिस प्रशासन सरकार की गाइड लाइन का इंतजार कर रहा है। एटा जनपद भी प्रदूषण के दायरे में है और यहां के एक्यूआइ में उतार-चढ़ाव बना हुआ है।

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इन दिनों आसमान में धुंध छाई हुई है । इसकी वजह से धूप भी ठीक से नहीं निकल रही। रविवार के दिन इस सीजन में जनपद की सबसे बुरी स्थिति रही। एक्यूआइ 279 नापा गया, जोकि संतोषजनक स्थिति से बहुत ऊपर है। प्रदूषण का असर कुछ इस तरह दिखाई दे रहा है कि लोगों के सामने मुश्किलें आ रही हैं। खासतौर पर बुजुर्गों और बीमार लोगों को सांस लेने में भी परेशानी बढ़ रही है। रविवार को जहां पूरे दिन सूरज के दर्शन नहीं हुए, वहीं सोमवार को थोड़ी सी कुछ राहत दिखाई दी। मंद धूप निकली, लेकिन दोपहर बाद स्थिति फिर पिछले दिन जैसी हो गई। ऐसी ही स्थिति को देखते हुए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की पहल पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया और प्रदूषण को लेकर प्रभावित शहरों में पटाखों पर प्रतिबंध लगा दिया। पटाखा कारोबारियों की निगाहें सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर टिकी थीं। सुबह जब फैसला आया तो कारोबारियों में सुगबुगाहट शुरू हो गई और वह यह जानने के लिए उत्सुक दिखे कि एटा में पटाखे प्रतिबंधित रहेंगे या नहीं।

जनपद में हैं 31 कारोबारी

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एटा जनपद में जिन आतिशबाजी और पटाखा कारोबारियों के पास लाइसेंस हैं उनकी संख्या 31 है। वहीं दीवाली त्योहार नजदीक आते ही पटाखों के स्टाकिस्ट सक्रिय हो जाते हैं। यही वजह रही कि उन्होंने माल का पहले से स्टाक कर लिया। पटाखा कारोबारी गणेश वाष्र्णेय ने बताया कि प्रतिबंध ही लगता था तो पहले लग जाता, ताकि हम लोगों का पैसा नहीं फंसता। ऐसे समझिए एक्यूआइ को

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प्रदूषण मापने वाला मानक एक्यूआइ अगर 50 होता है तो स्थिति ठीक मानी जाती है और अगर 100 तक पहुंच जाता है तो भी संतोषजनक कह सकते हैं, लेकिन 100 से ऊपर बढ़ने पर प्रदूषण लोगों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो जाता है। --------------

अदालत ने पटाखों को लेकर जो फैसला दिया है उस पर पूरी तरह अमल किया जाएगा। प्रशासन को सरकार की गाइड लाइन का इंतजार है। एटा जनपद भी प्रदूषण से प्रभावित है।

- सुखलाल भारती, जिलाधिकारी एटा --------------

प्रदूषण आम जनजीवन के लिए खतरा है, पटाखों से और ज्यादा प्रदूषण फैलता है। सर्वोच्च अदालत के आदेश का पालन किया जाएगा। सरकार की तरफ से गाइड लाइन मिलने पर स्थिति और साफ हो जाएगी।

- सुनील कुमार सिंह, एसएसपी एटा


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