महंगे डीजल ने बढ़ाई बिजली वाले नलकूपों की डिमांड
हर माह तीन सौ नये निजी नलकूप के लिए बिजली कनेक्शन की डिमांड स्टोर में सामान तक का पड़ा टोटा
एटा: पेट्रो पदार्थ की बढ़ती कीमतों के बीच डीजल इंजन से सिंचाई कराने पर खर्चा अधिक आने लगा है। ऐसे में किसान अब बिजली से चलने वाले निजी नलकूप लगवाने में रुचि ले रहे हैं। पांच माह में डेढ़ हजार निजी नलकूपों को बिजली विभाग कनेक्शन दे चुका है। अधिक संख्या में कनेक्शन देने के बाद विभाग सामान तक उपलब्ध नहीं करा पा रहा है। चार सौ किसान आज भी सामान के लिए स्टोर के चक्कर काट रहे हैं।
मई से लेकर सितंबर अंत तक जिलेभर के डेढ़ हजार किसानों ने निजी नलकूप के लिए बिजली के कनेक्शन कराए हैं। इतने नए कनेक्शन होने के बाद जिले में निजी नलकूप 14 हजार का आंकड़ा पार कर चुका है, जबकि जिले भर में 392 सरकारी नलकूप हैं।
सस्ती है निजी नलकूप से सिचाई:
निजी नलकूप से सिंचाई सस्ती पड़ती है। इसे इस तरह समझिए कि 750 रुपये का 10 लीटर डीजल आता है। इतने डीजल से इंजन 10 घंटे चलेगा। मान लीजिए 50 घंटे इंजन चलना है तो इतना ही डीजल चाहिए जो 3750 रुपये का बैठता है। अगर निजी नलकूप से सिचाई करें तो महीने भर चाहे कितने भी घंटे चलाओ बिल 2000 रुपये ही आना है। इसके अलावा विद्युत इंजन की बोरिग काफी नीची होती है, इसलिए पानी पर्याप्त निकलता है। डीजल इंजन ज्यादा नीचे से पानी खींचने में सक्षम नहीं होते।
इधर, जिले के अधिकांश क्षेत्र में जलस्तर काफी नीचे चला गया है। इसमें सबसे अधिक अलीगंज क्षेत्र प्रभावित हो रहा है। इस क्षेत्र में जलस्तर 70 फुट नीचे है। ऐसे में अलीगंज क्षेत्र के किसान सबसे अधिक निजी नलकूप का कनेक्शन करा रहे हैं।
सामान के लिए परेशान किसान:
नलकूप कनेक्शनों की एक साथ अधिकता होने के कारण कर्मचारियों के साथ ही किसान भी परेशान हो रहे हैं। अधिक आवेदन होने के कारण स्टोर में सामान का टोटा हो गया है। चार सौ किसान सामान लेने के लिए अधिकारियों के कार्यालयों के चक्कर काट कर रहे हैं। बिजली का बिल एक माह का दो हजार रुपये लगता है। जबकि डीजल इंजन से इतने रुपये में 10 दिन तक सिचाई नहीं हो पाती है।
-रामनिवास, पुराहार अलीगंज
डीजल इंजन जमीन से बहुत कम पानी निकाल पा रहे हैं। इससे अधिक खर्चा उठाना पड़ता है। इसलिए नलकूप का कनेक्शन करा रहे हैं।
-मिलाप सिंह ,गदनपुर अवागढ़
ज्यादा संख्या में लोगों ने कनेक्शन कराए हैं। सामान उपलब्ध कराने के लिए शासन को पत्राचार किया जा रहा है। सभी किसानों को समय पर सामान दिलाया जाएगा।
---संदीप कुमार, अधीक्षण अभियंता