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जिम्मेदारी तय न होने से शोपीस बने सामुदायिक शौचालय

लोग खुले में शौच करने को मजबूर ग्राम पंचायत क्षेत्र में 512 सामुदायिक शौचालय हैं तैयार

By JagranEdited By: Published: Wed, 16 Jun 2021 06:49 AM (IST)Updated: Wed, 16 Jun 2021 06:49 AM (IST)
जिम्मेदारी तय न होने से शोपीस बने सामुदायिक शौचालय
जिम्मेदारी तय न होने से शोपीस बने सामुदायिक शौचालय

जासं, एटा: नगर निकाय एवं ग्राम पंचायत क्षेत्र में बने सामुदायिक शौचालयों पर देखरेख के लिए जिम्मेदारी तय न होने के कारण लोगों को परेशानी हो रही है। ताले लटकने के कारण लोगों को शौचालय का लाभ नहीं मिल पा रहा है। लोग खुले में शौच करने को मजबूर हैं। इस तरह से शासन की खर्च हुई धनराशि कारगर साबित होती दिख नहीं रही है।

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ग्रामीण क्षेत्र के साथ ही शहरी इलाके में ऐसे लोग जिनके पास शौचालय निर्माण के लिए जमीन का अभाव है। उनको इसका लाभ दिलाने के लिए शासन ने सामुदायिक शौचालय निर्माण कराना तय किया है। इन शौचालयों पर कर्मचारियों की तैनाती के लिए भी आदेश दिया गया है। इससे देखरेख होने से अधिक समय तक लोगों को इसका लाभ मिल सके, लेकिन कर्मचारियों की तैनाती न होने के कारण ये शोपीस बने हुए हैं। ताले लगे होने के कारण लोगों को खुले में शौच को जाना पड़ता है। सरकार ने इन शौचालयों की देखरेख करने वाले कर्मचारियों को मानदेय देना भी निर्धारित किया है। बावजूद इसके संबंधित अधिकारी महिला एवं पुरूष कर्मचारियों को जिम्मेदारी नहीं सौंप पा रहे हैं।

ग्राम पंचायत क्षेत्र में 512 सामुदायिक शौचालय तैयार हुए हैं। इसमें से 297 जगहों पर ही स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसी तरह से शहर के अंदर भी पालिका ने तैयार कराए सामुदायिक शौचालयों पर कर्मचारी तैनात नहीं किए हैं।

जिला पंचायत राज अधिकारी आलोक कुमार प्रियदर्शी ने कहा कि सभी जगहों पर महिला कर्मचारियों की तैनाती करने के लिए एडीओ पंचायत और सचिव को कड़े निर्देश दिए गए हैं। तीन दिवस के अंदर अधिकांश सामुदायिक शौचालयों पर कर्मचारी की तैनाती कर उन्हें चालू कराया जाएगा।


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