नगर पालिका की बोर्ड मीटिग में हंगामा, बहिष्कार
एटा जासं। नगर पालिका की सोमवार को हुई बोर्ड बैठक में जमकर हंगामा हुआ। पिछली बैठक के स्वीकृत प्रस्तावों पर कोई काम न होने के बावजूद नई बैठक में 65 प्रस्ताव रखे जाने का विरोध करते हुए सभासदों ने बैठक का बहिष्कार कर दिया। वहीं चर्चा के दौरान लेखाकार और एक लिपिक के खिलाफ निलंबन का प्रस्ताव भी दिया।
एटा, जासं। नगर पालिका की सोमवार को हुई बोर्ड बैठक में जमकर हंगामा हुआ। पिछली बैठक के स्वीकृत प्रस्तावों पर कोई काम न होने के बावजूद नई बैठक में 65 प्रस्ताव रखे जाने का विरोध करते हुए सभासदों ने बैठक का बहिष्कार कर दिया। वहीं चर्चा के दौरान लेखाकार और एक लिपिक के खिलाफ निलंबन का प्रस्ताव भी दिया।
लंबे अरसे बाद नगरपालिका परिसर में सोमवार को बोर्ड की बैठक रखी गई। शहर के विकास व सुंदरीकरण के लिए 65 प्रस्तावों का एजेंडा तैयार किया गया, लेकिन इस एजेंडा पर कोई चर्चा होती, इससे पहले सभासद 5 नवंबर 2018 को हुई बोर्ड बैठक के प्रस्तावों पर हुई कार्रवाई पर जानकारी की मांग करने लगे। पुराना रजिस्टर निकालकर जब प्रस्ताव पढ़े गए तो किसी पर भी काम न होने की बात सामने आई। इस पर सभासद भड़क उठे। उनका कहना था पिछली बैठक में 75 प्रस्ताव पारित किए गए। लेकिन किसी पर काम नहीं कराया गया। ऐसे में फिर 65 प्रस्ताव बनाकर बैठक कराने का क्या मतलब है?
चर्चा चल ही रही थी कि महिला सभासद कांति देवी ने लेखाकार बहोरी सिंह पर असम्मानजनक ढंग से व्यवहार करने का आरोप जड़ दिया। इस पर सभी सभासद मुखर हो गए। उन्होंने बहोरी का निलंबन करने और उन्हें उनके मूल पद माली पर भेजे जाने का प्रस्ताव रख दिया। सभासदों के विरोध की चपेट में प्रकाश अनुभाग के प्रभारी रामकिशन भी आ गए। सभासदों का कहना था कि बड़ी संख्या में लाखों रुपये की लाइटें खरीदने की बात कही जा रही है। लेकिन लाइटें कहीं लगी नहीं। यह बहुत बड़ा घोटाला है, जबकि आज जवाबदेही वाले दिन वह जानबूझकर अवकाश लेकर गायब हो गए। उन्हें भी निलंबित करने का प्रस्ताव सभासदों ने रखा। इसके बाद अधिकांश सभासद बैठक बहिष्कार का एलान कर चले गए। ईओ डॉ. दीप कुमार वाष्र्णेय ने सहमति बनाने की कोशिश की, लेकिन सभासद नहीं माने। दो महीने में कैसे टूटी रेलवे रोड?
रेलवे रोड बनाए जाने के सवाल पर जेई लता ने बताया कि ये रोड बनाई जा चुकी है। लेकिन सभासदों ने पलटवार करते हुए कहा कि रोड बनी तो दो महीने में टूट कैसे गई? इस पर कोई एक्शन क्यों नहीं लिया गया? पालिकाध्यक्ष नहीं उठातीं फोन
सभासदों की यह भी नाराजगी थी कि पालिकाध्यक्ष मीरा गांधी फोन नहीं उठातीं और न ही किसी मुद्दे पर कुछ बोलती हैं। पूरा काम उनके पति करते हैं। एक सभासद ने तो दोनों पर सभासदों की उपेक्षा करने का भी आरोप लगाया। पालिकाध्यक्ष सभासदों को समझाने की कोशिश करती रहीं। वर्जन
जल्द ही दोबारा बोर्ड बैठक रखी जाएगी। जिन प्रस्तावों पर आपत्ति है, उन्हें हटा दिया जाएगा। साथ ही सभासदों से प्रस्ताव पारित कर एजेंडा में शामिल किया जाएगा।
- डॉ. दीप कुमार वाष्र्णेय, ईओ नगर पालिका