धूल के गुबार में कैद हुआ शहर
अभी न फॉग आया है और न कोई अन्य धुआं। लेकिन शहर धूल के गुबार में कैद है।
जागरण संवाददाता, एटा: अभी न फॉग आया है और न कोई अन्य धुआं। लेकिन शहर धूल के गुबार में कैद है। दरअसल, पिछले दिनों जर्जर सड़कों के गड्ढों में भरवाए गए मलवे से मिट्टी सड़कों पर काफी ऊंचाई तक उड़ रही है। जो वाहन संचालन और स्वास्थ्य दोनों ही लिहाज से खतरा पैदा कर रही है। साथ ही राहगीरों और स्थानीय व्यवसाइयों का सांस लेना दुश्वार कर रही है।
शहर की विभिन्न सड़कों पर बने गड्ढों के कारण हालात बुरे थे। लेकिन नगर पालिका बोर्ड बैठक के विवाद और जीटी रोड पर चौड़ीकरण कार्य शुरू होने में देरी के चलते कोई समाधान नहीं निकल पा रहा था। ऐसे में प्रशासन ने पिछले दिनों गड्ढों की समस्या दूर करने के लिए ईंट-पत्थर आदि का मलवा जीटी रोड, ठंडी सड़क से पीपल अड्डा तक गड्ढों में डलवा दिया। पहले चट्टानों की तरह पड़ा मलवा धीरे-धीरे लेविल में आना शुरू हुआ और वाहनों के दबाव से चूर होकर मिट्टी के रूप में में तब्दील हो गया है। हालात ये हैं कि इन सड़कों पर मलवे वाले स्थानों से कोई बड़ा या चार पहिया वाहन निकलते ही धूल का गुबार छा जाता है। अन्य वाहन चालकों को कुछ पल के लिए स्पष्ट देखना तक मुश्किल होता है। ऐसे में वाहन को सुरक्षित निकालना चुनौती बन जाता है।
इसके अलावा धूल से श्वसन तंत्र और आंखों में एलर्जी की भी दिक्कत आ रही है। सड़क किनारे स्थित दुकानदारों का कहना है कि दुकान के बाहर की ओर तो बैठना ही मुश्किल हो गया है। बल्कि धूल-मिट्टी अंदर तक आ जाती है। जिला अस्पताल के डॉ. मनोज गुप्ता बताते हैं कि धूल के चलते एलर्जी, अस्थमा सहित नेत्र रोगों का खतरा रहता है। इस तरह की समस्या के कई मरीज आ रहे हैं। नगर पालिका के प्रभारी ईओ एएसडीएम नंदलाल वर्मा ने बताया कि पानी का छिड़काव कराकर धूल की समस्या को नियंत्रित किया जाएगा।