छोटे वादों से मुक्त कराने में जुटा न्याय प्रशासन
बुधवार को जनपद न्यायालय के केंद्रीय सभागार में राष्ट्रीय लोक अदालत के प्री-ट्रायल में तमाम वादों में सुलह की प्रक्रिया शुरू हो गई। छोटे वादों से जिले को मुक्त कराने में जुटे न्याय प्रशासन ने राष्ट्रीय लोक अदालत में हजारों मामलों को सुलह से निपटाने का लक्ष्य निर्धारित किया है।
एटा, जागरण संवाददाता: बुधवार को जनपद न्यायालय के केंद्रीय सभागार में राष्ट्रीय लोक अदालत के प्री-ट्रायल में तमाम वादों में सुलह की प्रक्रिया शुरू हो गई। छोटे वादों से जिले को मुक्त कराने में जुटे न्याय प्रशासन ने राष्ट्रीय लोक अदालत में हजारों मामलों को सुलह से निपटाने का लक्ष्य निर्धारित किया है।
जनपद न्यायाधीश रेणु अग्रवाल ने कहा कि संगीन मामलों में विचारण का होना न्याय का तकाजा है। इसमें कोई भी ढील नहीं होनी चाहिए। जबकि शमनीय प्रवृत्ति के विवाद में आरोपित बने व्यक्ति द्वारा माफी मांगने से विवाद का निपटारा होना कानून से प्रस्तावित है। ऐसे सभी मामलों में पहले सुलह की प्रक्रिया को अपनाना होगा, क्योंकि मामूली विवाद बाद में बड़ी समस्याएं पैदा करते हैं। ऐसे में प्रत्येक को सुलह के लिए तत्पर रहना चाहिए। ट्रायल में पक्षकारों के मध्य विभिन्न विवादों को सुलह से निपटाने की सहमति बनी। ट्रायल का संचालन सचिव साधना कुमारी गुप्ता ने किया। इस मौके पर न्यायाधिकारी मृदुला कुमार, रमेश, पारुल जैन, मनीष कुमार, विपिन कुमार, कैलाश कुमार, रितेश सचदेवा, रीमा मल्होत्रा, पूर्णिमा पाठक के साथ विभिन्न नगर पालिकाओं, परिवहन निगम, बीएसएनएल आदि के अधिकारी मौजूद थे। बैंक के कर्जे के मामले भी होंगे शामिल प्राधिकरण कार्यालय पर हुई बैंकों के शाखा प्रबंधकों की बैठक में 14 दिसंबर को होने वाली राष्ट्रीय लोक अदालत में बैंकों के कर्जों से जुड़े मामलों को प्रीलिटिगेशन स्कीम के अंतर्गत शामिल करने की रूपरेखा बनाई गई।