एटा में हर दिन सड़क हादसे में औसतन एक मौत
पिछले साल कोहरे में 97 लोगों की गई जान
एटा: सड़क हादसों में जनपद में औसतन प्रतिदिन एक मौत होती है। आंकड़ों में उतार-चढ़ाव के बावजूद हर साल सड़क हादसों में मृतकों की संख्या 300 का आंकड़ा पार कर जाती है। वाहनों के सापेक्ष सुरक्षा उपाय बौने होने के साथ ही कोहरे का कहर भी हादसों को सबब बनता है। वर्ष 2019 में कोहरे के सीजन में हुए सड़क हादसों में 97 लोगों की जान गई थी।
हर साल 1500 से अधिक सड़क दुर्घटनाएं एटा जनपद में होती हैं। इनमें कुछ छोटी तो कुछ बड़ी होती हैं। हादसे के बाद घायलों को जिला अस्पताल लाया जाता है, यहां का रिकार्ड दर्शाता है कि सड़क दुर्घटनाओं में किसी भी साल कोई कमी नहीं आ रही। दुर्घटना के प्रमुख कारण
-खराब सड़कें
- राजमार्गों की डिजाइन में फाल्ट
- खराब वाहन, घटिया
- रख-रखाव का अभाव और उपयुक्त बचाव उपकरणों का न होना
- रात के सफर में चालक को झपकी आना
- सर्दी के सीजन में कोहरे का कहर कभी नहीं भुलाई जा सकती वह रात
तारीख 23 नवंबर 2019, समय रात के 12 बजे, घने कोहरे के बीच बागवाला क्षेत्र में गांव हिम्मतपुर के पास दिल्ली से कार से आ रहा सुनील और उनका परिवार हादसे का शिकार हो गया। चालक को झपकी आने से कार पीछे से ट्रक में टकराने के बाद आग का गोला बन गई। हादसे में सुनील, उनका बेटा लवकुश व पत्नी विमला, मौसा बबलू, ममेरा भाई चंद्रशेखर जिदा जल गए और पांचों की मौत हो गई। एक बेटी वर्षा किस्मत से बच गई आज भी जब वह इस हादसे के बारे में याद करती है तो सिहर उठती है।
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उस्मान से पूछिए बेटा खोने का दर्द
मिरहची निवासी उस्मान शाह सड़क हादसे में अपना 23 वर्षीय बेटा रियाज खो चुके हैं। बेटा कार चला था कि ट्रक ने टक्कर मारकर उसे मौत की नींद सुला दिया। इस परिवार पर तो ऐसा पहाड़ टूटा मृतक के पिता आज तक नहीं संभल पाए। वे परचून की दुकान करते हैं, उन्हें उम्मीद थी कि बेटा उनके काम को आगे बढ़ाएगा, लेकिन ऐसा न हो सका। भाजयुमो नेता के पुत्र की गई जान
भाजयुमो के जिलाध्यक्ष संतोष चौहान के पुत्र की भी इसी वर्ष शहर में ट्रक और बाइक में हुई टक्कर के दौरान मौत हो गई। यह परिवार इतना टूट गया कि कई महीने तक सदमे से नहीं उबर पाया। सड़क हादसों में मौतें, घायल
वर्ष मौत घायल
2018 342 2011
2019 351 2025
2020 305 1921 अब तक