मिठाइयों की चमक से न खा जाएं धोखा
एटा, जासं: दीपावली नजदीक आते ही दुकानदारों ने मिठाइयों को आकर्षक बनाने के लिए घटिया रंग मिलना शुरू कर दिया है।
जासं, एटा: रंगीन, चमकदार मिठाइयों को अच्छा समझकर खरीद रहे हैं तो सावधान हो जाएं। ये आपके लिए बीमारियों का सौदा हो सकता है। मिलावटखोर सस्ते और घटिया अखाद्य रासायनिक रंगों का प्रयोग कर रहे हैं, जिसके चलते कई बीमारियों का खतरा हो सकता है।
खाद्य व पेय पदार्थों में प्राकृतिक रंगों का प्रयोग किया जा सकता है। अलग-अलग पदार्थों के लिए इसकी अधिकतम मात्रा तय है। भले ही बड़े स्तर पर कंपनियों में इन मानकों का ध्यान रखा जाता हो, लेकिन स्थानीय स्तर पर कारोबारियों को नियमों की जानकारी नहीं है। अक्सर वे रासायनिक रंगों का प्रयोग करते हैं, जिनकी कीमतें 10 से 15 गुना तक कम होती हैं। इसके अलावा वे मिठाई आदि की चमक बढ़ाने को अधिक मात्रा में रंग का प्रयोग करते हैं। भले ही इस चमक से बिक्री में इजाफा हो जाता हो, लेकिन ऐसे खाद्य पदार्थ ग्राहकों के लिए खतरनाक बन जाते हैं। लड्डू और सॉस में मिला अखाद्य रंग: इसी वर्ष जुलाई में शहर की एक दुकान के टोमॉटो सॉस, शिकोहाबाद रोड पर दुकान से बेसन का घोल और जलेसर की दुकान से लिए बूंदी के लड्डू की जांच रिपोर्ट में इन्हें अनसेफ बताया गया है। तीनों में ही अखाद्य रंग मिला है।