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बीटीसी परीक्षा शुरू, पेपर-कॉपी लाने ले जाने में असुरक्षा

एटा, जागरण संवाददाता: बीटीसी चतुर्थ सेमिस्टर की पेपर लीक होने की वजह से निरस्त हुई परीक्षा पुन: गुरुवार को पांच केंद्रों पर कराई गई।

By JagranEdited By: Published: Thu, 01 Nov 2018 10:35 PM (IST)Updated: Thu, 01 Nov 2018 10:35 PM (IST)
बीटीसी परीक्षा शुरू, पेपर-कॉपी लाने ले जाने में असुरक्षा
बीटीसी परीक्षा शुरू, पेपर-कॉपी लाने ले जाने में असुरक्षा

जागरण संवाददाता, एटा: बीटीसी चतुर्थ सेमिस्टर की पेपर लीक होने की वजह से निरस्त हुई परीक्षा पुन: गुरुवार को मुख्यालय के पांच केंद्रों पर शुरू हुई। जहां परीक्षा केंद्रों पर नकल पर अंकुश के लिए परीक्षा के दौरान कड़ी निगरानी रही। वहीं प्रश्नपत्र केंद्रों तक पहुंचाने और उत्तर पुस्तिकाओं को संकलन केंद्र तक ले जाने के मामले में प्रशासन की लापरवाही सामने आई। प्रश्नपत्र-कॉपी लाने ले जाने वाली टीमों को किसी भी तरह की सुरक्षा उपलब्ध नहीं कराई गई। फिर भी प्रथम दिन परीक्षा शांतिपूर्ण व सकुशल निपट गई।

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बीटीसी की परीक्षाएं 4 अक्टूबर से भी शुरू हुईं थीं, लेकिन सभी प्रश्नपत्र लीक हो जाने के कारण पुन: परीक्षा का निर्धारण किया गया। गुरुवार को प्रथम दिन की परीक्षा के मद्देनजर शहर में बनाए गए परीक्षा केंद्रों पर कड़ी व्यवस्थाएं रहीं। निर्देशों के अनुरूप परीक्षार्थियों की मुख्य द्वार पर तलाशी, प्रश्नपत्रों को खोलने तथा उत्तर पुस्तिकाओं को सील करने की वीडियोग्राफी केंद्र व्यवस्थापकों और पर्यवेक्षकों की मौजूदगी में कराई गई। व्यवस्थाओं के मामले में परीक्षा केंद्रों पर सचल दलों और प्रशासन के मजिस्ट्रेट भी नियुक्त रहे। सबकुछ ठीक था, लेकिन मुख्य खामी यह थी कि शिक्षा विभाग की जिस टीम को पेपर पहुंचाने और उत्तर पुस्तिकाओं के संकलन की जिम्मेदारी मिली थी, उन्हें दो पुलिसकर्मी भी सुरक्षा की दृष्टि से उपलब्ध नहीं कराए गए। जबकि सुरक्षा के लिए पहले ही मांग की गई थी।

बीटीसी परीक्षा में कुल 2298 परीक्षार्थी पंजीकृत थे, जिसमें 2290 उपस्थित हुए। लक्ष्मीबाई बालिका इंटर कॉलेज केंद्र पर 4, क्रिश्चियन इंटर कॉलेज व गांधी स्मारक इंटर कॉलेज पर दो-दो परीक्षार्थी अनुपस्थित रहे। जीजीआईसी व अविनाशी सहाय आर्य इंटर कॉलेज केंद्र पर कोई भी गैर हाजिर नहीं था। उधर परीक्षा के दौरान डायट प्राचार्य मनोज कुमार गिरि, एडीआइओएस केएस वर्मा, प्रशासनिक मजिस्ट्रेट विनीत उपाध्याय व रामशंकर ने भी कड़ी निगरानी की। परीक्षा के बाद कुछ परीक्षार्थी यह भी कहते नजर आए कि अभी क्या परीक्षा पूरी हो जाए तब समझो। कभी भी कुछ भी हो सकता है।


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