गड्ढों में भरे ईट-पत्थर, दुर्घटनाओं को न्यौता
एटा:। शहर के सबसे व्यस्ततम मार्ग ठंडी सड़क पर हाल में हुई वर्षा ने गड्ढे हो गए थे, जिन्हें ईट पत्थर से भर दिया गया है। जिससे नागरिकों को आवागमन में काफी दिक्कतें हो रही हैं। वाहनों के जाम में फंसने से की भी समस्या है।
जागरण संवाददाता, एटा: शहर के सबसे व्यस्ततम मार्ग ठंडी सड़क पर हाल में हुई वर्षा ने गड्ढों को आकार दे दिया है। कई फुट गहरे हो चुके गड्ढे पहले ही समस्या बने थे। मंगलवार को पालिका कर्मियों द्वारा गहरे हो चुके इन गड्ढों में ईट-पत्थर और मिट्टी डालकर नागरिकों के समक्ष दुर्घटनाओं की बढ़ी चुनौती खड़ी कर दी है। दुपहिया वाहन चालकों के लिए ये मार्ग खतरे से खाली नहीं है। बड़े-बड़े ईट पत्थरों के गड्ढों में बेतरतीब पड़े होने से उनका बैलेंस बिगड़ रहा है। साथ ही जाम की समस्या से भी जूझना पड़ रहा है।
हाल में हुई वर्षा ने शहर के निचले मार्गों की समस्याएं बढ़ा दीं हैं। गड्ढे कई-कई फुट गहरे हो गए हैं, जो जाम की समस्या तो बढ़ा ही रहे हैं, साथ ही गड्ढों में इन पत्थरों के डाले जाने से आवागमन भी बाधित हो रहा है। चूंकि सर्वाधिक स्कूली बच्चों के वाहनों का आवागमन भी इसी मार्ग से होता है, ऐसे में इस मार्ग से स्कूली वाहन चालकों को भारी दिक्कतें झेलनी पड़ रहीं हैं। पैदल मार्ग तय करने वाले लोगों को मार्ग से गुजरने की जगह तक नही मिल पा रही। वे पालिका कर्मियों को कोसने पर विवश हो रहे हैं। अधिकांश नागरिकों का कहना है कि ईंट पत्थरों को गड्ढों में भरे जाने के बाद एक बार रोलर चलवाकर मार्ग का समतलीकरण करा दिया जाता तो मार्ग की अव्यवस्थाओं से वाहन चालकों को न सिर्फ निजात मिल जाती, बल्कि नागरिकों में भी दुर्घटनाओं को लेकर असुरक्षा का भय नही रहता।
क्या कहते शहरवासी
गड्ढों में मिट्टी डलवाकर उस पर रात के समय पानी का छिड़काव कराया जाना चाहिए, ताकि गड्ढे भरने के साथ ही मार्ग समतल होने से आवागमन की समस्या न रहे।
-ब्रजेश कुमार
-ठंडी सड़क मार्ग की समस्या लंबे समय से शहरवासियों के समक्ष बनी हुई है। इस मार्ग पर कई बार पुलिया भी क्षतिग्रस्त हो चुकी है। इसके बाद भी किसी को ध्यान नहीं है।
-सोनू जैन
स्कूल जाने वाले बच्चों को सुबह स्कूल तक ले जाने और छुट्टी के वक्त वापस लाने के दौरान काफी भय बना रहता है, जब बच्चे सकुशल घर आ जाते हैं तब चैन मिल पाता है।
-अमित कुमार
-क्षतिग्रस्त और गड्ढा युक्त मार्ग के कारण वाहनों में अक्सर खराबी होने से जेब पर अतिरिक्त खर्च पड़ता है। मध्यम वर्ग के लोगों को अपने संसाधनों में कमी करनी पड़ती है। -शाहिद हुसैन