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बूथ के रास्ते बेदम, समस्याएं हर कदम, कैसे बढ़े मतदान

शहर हो या गांव ऐसे तमाम बूथ हैं जहां तक पहुंचने के लिए मतदाताओं को भारी मशक्कत करनी पड़ती है। अपना पसंदीदा सांसद चुनने के लिए इस बार भी अधिकांश बूथों तक जाने को मतदाताओं को मार्ग की अव्यवस्थाओं से रूबरू होना पड़ेगा। ऐसे इलाकों में मत प्रतिशत का अंतर तो आएगा ही।

By JagranEdited By: Published: Wed, 27 Mar 2019 11:10 PM (IST)Updated: Thu, 28 Mar 2019 06:26 AM (IST)
बूथ के रास्ते बेदम, समस्याएं हर कदम, कैसे बढ़े मतदान
बूथ के रास्ते बेदम, समस्याएं हर कदम, कैसे बढ़े मतदान

एटा, जासं। शहर हो या गांव, ऐसे तमाम बूथ हैं, जहां तक पहुंचने के लिए मतदाताओं को भारी मशक्कत करनी पड़ती है। अपना पसंदीदा सांसद चुनने के लिए इस बार भी अधिकांश बूथों तक जाने को मतदाताओं को मार्ग की अव्यवस्थाओं से रूबरू होना पड़ेगा। ऐसे इलाकों में मत प्रतिशत का अंतर तो आएगा ही।

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जी हां, सत्रहवीं लोकसभा चुनाव की तैयारी शुरु हो गई है। बूथों को मतदाताओं की सभी सुविधाओं से संतृप्त किया जा रहा है। मगर कुछ बूथ आज भी ऐसे हैं जहां मतदाताओं को वोट डालने के लिए खासी परेशानियों से गुजरना पड़ता है। जागरण ने बुधवार को कुछ ऐसे ही क्षेत्रों का सर्वे किया। हालात से रूबरू होने को जब मारहरा विधानसभा क्षेत्र का रुख किया तो पाया कि कई बूथों तक मतदाताओं को मतदान के लिए पहुंचने में परेशानियां कम नही हुईं हैं। यहां महुअट मिलावली होकर तीन बूथों तक पहुंचने का रास्ता एक ही है। जिसमें नगला प्रेमी होते हुए अथैय्या और उज्जैपुर तथा नगला भिकारी में पहुंचा जा सकता है। मगर उपरोक्त तीनों गांव के बूथ तक वोटरों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। बंबा से जुड़े इन तीनों गांव तक जाने वाले मार्ग पानी से कई जगह से कटकर नहर में तब्दील हो गए हैं। जलभराव हो जाने से इन मार्गों से आवागमन पूरी तरह ठप्प हो गया है। ऐसे में बुजुर्ग मतदाता मतदान बूथ तक कैसे पहुंच पाएंगे? यह उनके सामने बड़ी समस्या है। क्या कहते हैं गांव के मतदाता

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-नगला प्रेमी प्राथमिक विद्यालय के बूथ पर 655 मतदाता हैं, इनमें तकरीबन बुजुर्ग मतदाताओं की संख्या 138 है। पिछली बार भी ऐसे मतदाता वोट नहीं डाल सके थे। सड़कें कटी होने और मिट्टी युक्त समूचे मार्ग की अव्यवस्था के कारण वे मतदान स्थल तक नहीं पहुंच पाते। मानसिंह शिक्षक - शासन प्रशासन को यहां मार्ग की अव्यवस्था के बावत अवगत कराया जा चुका है, मगर आज तक कोई प्रयास कच्चे सड़क मार्ग को ऊंचा कराने के नही किए गए। बंबों से निकलने वाला पानी कच्ची सड़क को काट कर नहर में तब्दील कर चुका है। चिरौंजीलाल किसान -सड़क को ऊंचा कराया जाए तो मार्ग की बाधाएं दूर हो सकती हैं। मगर मतदान से पूर्व यह कार्य कराना होगा। अन्यथा इस बार भी बुजुर्ग मतदाता अपना वोट डालकर पसंदीदा सांसद चुनने की ख्वाहिश पूरी नही कर पाएंगे।

विजय कुमार राघव

-सड़क को ऊंचा कराए जाने को मंजूरी के साथ इसके निर्माण को बजट भी जारी हो चुका है। मगर मिट्टी कार्य संतोषजनक न होने के कारण गांव वालों की मांग पर सड़क का निर्माण रुकवा दिया गया है।

सरमन सिंह प्रजापति


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