मोमो चैलें¨जग गेम से सुरक्षा को जागरूक होंगे विद्यार्थी
मोमो चैलें¨जग ऑनलाइन गेम से विद्यार्थियों को बचाने के लिए राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने स्कूलों को जागरूकता अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं।
जागरण संवाददाता, एटा: काफी चर्चित रहे मोमो चैलें¨जग ऑनलाइन गेम से विद्यार्थियों को सुरक्षा देने के लिए शासन भी गंभीर हुआ है। ऑनलाइन आत्महत्या को प्रेरित करने वाले इस गेम के घातक परिणामों की जानकारी अब हर स्कूल के विद्यार्थियों को दी जाएगी। गेम से सुरक्षा को लेकर राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने शिक्षा विभाग को इस मामले में गंभीरता से जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने के निर्देश दिए हैं।
स्कूलों में जागरूकता कार्यक्रमों के लिए साइबर लॉ एंड ई-सिक्योरिटी ग्रुप से समन्वय स्थापित कर सुरक्षा के उपायों को विद्यार्थियों तक पहुंचाया जाएगा। पिछले साल मोमो चैलें¨जग गेम ऑनलाइन खेलने की स्थिति में विभिन्न स्थानों पर कुछ किशोरों द्वारा आत्महत्या के मामले सामने आए थे। हालांकि जनपद में इस तरह के गेम से कोई भी घटना घटित होने की स्थिति सामने नहीं आई। फिर भी भविष्य में गेम के विपरीत परिणामों को देखते हुए राज्य बाल संरक्षण आयोग सक्रिय हुआ है। आयोग द्वारा मोमो चैलें¨चग ऑनलाइन गेम के प्रति विद्यार्थियों को सुरक्षित किए जाने के लिए जागरूकता को अहम माना गया है। यह भी इंगित किया गया है कि इस गेम के दायरे में माध्यमिक स्कूल स्तर तक के विद्यार्थी ही रहते हैं।
ऐसे में ऑनलाइन खेल से भी युवा पीढ़ी को भटकाव से बचाने के लिए स्कूल भी सहयोगी बनेंगे। गाइड लाइन के अनुरूप सीबीएसई, आइएसई तथा यूपी बोर्ड के सभी स्कूलों में जागरूकता कार्यक्रम जल्दी ही आयोजित किए जाने हैं। इन कार्यक्रमों में विद्यार्थियों की सुरक्षा के लिए साइबर लॉ एंड ई-सिक्योरिटी ग्रुप से मार्गदर्शन किया जाएगा। मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रोनिक्स एंड इन्फोरमेशन टेक्नोलॉजी द्वारा इस संबंध में एडवाइजरी भी जारी की गई है। जिसके अंतर्गत गेम से प्रभावित बच्चों के आचार विचार पहचानने तथा उन्हें सुरक्षा देने के ¨बदुओं को स्पष्ट किया है। निर्देशों के बाद माध्यमिक शिक्षा विभाग ने सभी माध्यमिक स्कूलों को इस संबंध में आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। डीआइओएस एनडी वर्मा ने कहा है कि यह महत्वपूर्ण विषय है। सभी विद्यालय इसे गंभीरता से लें।