अस्पतालों में एआरवी की किल्लत, इंजेक्शन न लगने से चढ़ रहा लोगों का पारा
एटा: जिले में कहीं भी एंटी रेबीज वैक्सीन नहीं है। कस्बाई अस्पतालों से लेकर जिला अस्पताल तक
एटा: जिले में कहीं भी एंटी रेबीज वैक्सीन नहीं है। कस्बाई अस्पतालों से लेकर जिला अस्पताल तक खाली है। लोग पहुंचते हैं, जिन्हें बेरुखी के साथ इन्कार कर लौटा दिया जाता है। लगातार इस स्थिति से लोगों का पारा चढ़ रहा है। अस्पताल से लेकर अफसरों के दफ्तरों पर भीड़ हंगामे पर उतारू है।
कुत्ते के काटने से होने वाले मामले तो काफी थे ही, अब लगभग इतनी ही संख्या में बंदरों से काटने के मामले भी सामने आ रहे हैं। जिसके चलते एआरवी (एंटी रेबीज वैक्सीन) की खपत और मांग बहुत ज्यादा है। मोटे तौर पर जिला अस्पताल में हर दिन 200 से 250 और सभी सीएचसी-पीएचसी पर 400 से 500 तक लोगों को इंजेक्शन लगाए जाते हैं। लेकिन पिछले दिनों से अस्पतालों की हालत पतली है। भीड़ में तो कोई कमी नहीं है, लेकिन एआरवी का टोटा पड़ा हुआ है। जिला अस्पताल को लंबे समय से दवा नहीं मिली है। दो दिन पहले लोकल परचे¨जग कर 70 वायल खरीदी गई, जो दो दिन भी न चलीं। सीएमओ के अधीन अस्पतालों के लिए चार महीने में दो बार 100-100 वायल की आपूर्ति भेजी गई। वर्तमान में कहीं भी दवा नहीं है। शनिवार को तमाम लोग इकट्ठे होकर सीएमओ दफ्तर पहुंचे और हंगामा किया। शहर के अलावा आसपास और दूर-दराज के गांवों से कैलाश, योगेश, विशेष, गीतम ¨सह, सुबोध, प्रमोद आदि आए थे। जिनका कहना था कि संबंधित पीएचसी-सीएचसी पर साफ इन्कर कर दिया गया। जिला अस्पताल से भी कई बार लौट चुके हैं। हर बार मना कर दिया जाता है। वर्जन
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एआरवी की आपूर्ति मांग के अनुरूप नहीं मिल पा रही है। जिसके चलते समस्या आ रही है। लगातार शासन स्तर पर संपर्क और बातचीत की जा रही है। उम्मीद है कि एक-दो महीने में स्थिति सही होगी।
- डॉ. अजय अग्रवाल, सीएमओ