जिला अस्पताल में मनमानी, मरीजों को परेशानी
संविदा और प्रशिक्षु चिकित्सकों के सहारे चल रही ओपीडी में सेवाएं
जागरण संवाददाता, एटा: जिला अस्पताल में मनमानी हावी है। ओपीडी में एक-दो नियमित चिकित्सकों के अलावा अन्य कोई ड्यूटी नहीं करना चाहता। संविदा और प्रशिक्षु चिकित्सकों के सहारे ओपीडी सेवाएं चल रही हैं। स्वास्थ्य महकमा व प्रशासन सबकुछ देखते हुए चुप है और व्यवस्थाएं बिगड़ती जा रही हैं। मरीजों को परेशानी उठानी पड़ रही है।
जिला अस्पताल में कुल मिलाकर 14 नियमित चिकित्सकों की तैनाती है। जिनमें से ईएनटी सर्जन बिन बताए दो वर्ष से लापता हैं। जबकि एक फिजीशियन को अलीगढ़ के कोविड अस्पताल में संबद्ध किया गया है। एक नेत्र रोग विशेषज्ञ हाथरस में कोविड ड्यूटी में लगाए गए हैं। दो चिकित्सकों की ड्यूटी इमरजेंसी और एक की रेडियोलाजी में लगाई जाती है। इस सूरत में भी ओपीडी में आठ चिकित्सक सेवाएं दे सकते हैं, लेकिन एक अस्थि रोग विशेषज्ञ और एक नेत्र रोग सर्जन के अलावा अन्य कोई चिकित्सक अपने चैंबर में नजर नहीं आता। सबसे अधिक मरीज बुखार व अन्य सामान्य बीमारियों के आते हैं। इसमें फिजीशियन की विशेष जरूरत होती है, लेकिन फिजीशियन कक्ष में संविदा या प्रशिक्षु चिकित्सक ही उपलब्ध होते हैं। संविदा पर तैनात छह चिकित्सकों के सहारे अस्पताल चलाया जा रहा है। नाक-कान-गला और दंत रोग विभाग तो बंद ही हैं और रोगियों को मायूस लौटना पड़ रहा है। शनिवार को भी अस्पताल का यही हाल था। बाल रोग विभाग में संविदा चिकित्सक बैठे थे। जबकि तीन नियमित विशेषज्ञ चिकित्सक तैनात हैं। फिजीशियन भी उपलब्ध नहीं थे। सीएमएस डा. राजेश कुमार अग्रवाल ने बताया कि न्यायालय में गवाही, इमरजेंसी, पोस्टमार्टम ड्यूटी आदि में भी चिकित्सकों को जाना होता है। लगातार न आने वाले चिकित्सकों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।