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मतदान के साथ दिखी फसलों की भी चिता: फोटो

जलेसर क्षेत्र में भी रात को बारिश हुई। किसानों का मन अपनी फसलों के नुकसान पर ही रातभर रहा। जिन्होंने सुबह सबसे पहले बूथों पर पहुंचकर वोट डालने की सोची थी वह सुबह उठते ही सीधे खेतों पर फसलों को देखने दौड़ पड़े। हालांकि नुकसान तो हुआ लेकिन किसानों ने मतदान जरूर किया।

By JagranEdited By: Published: Thu, 18 Apr 2019 11:39 PM (IST)Updated: Thu, 18 Apr 2019 11:39 PM (IST)
मतदान के साथ दिखी फसलों की भी चिता: फोटो
मतदान के साथ दिखी फसलों की भी चिता: फोटो

एटा, जासं। बुधवार को दिन में सोचा तो यही था कि सबसे पहले बूथों पर पहुंच मतदान करेंगे और फिर खेतों में किसानी। यह सबकुछ देर शाम को बादलों की गड़गड़ाहट के मध्य हुई बारिश से प्रभावित हुआ। जलेसर क्षेत्र में भी रात को बारिश हुई। किसानों का मन अपनी फसलों के नुकसान पर ही रातभर रहा। जिन्होंने सुबह सबसे पहले बूथों पर पहुंचकर वोट डालने की सोची थी वह सुबह उठते ही सीधे खेतों पर फसलों को देखने दौड़ पड़े। हालांकि नुकसान तो हुआ, लेकिन किसानों ने मतदान जरूर किया।

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बुधवार शाम को अचानक ही मौसम बदला। पहले से ही बारिश को लेकर आशंकित किसानों की मुसीबत मतदान की पूर्व रात ही बारिश होने से बढ़ गई। इस क्षेत्र में भी कई दिनों से गेहूं की कटाई का कार्य चल रहा है। जो लोग सुबह उठकर वोट डालने के लिए निकल पड़ते, उन्हें मजबूरन खेतों की ओर रुख करना पड़ा। खेतों में कटा पड़ा लांक भीगा मिला। वहीं खड़ी फसल के लिए भी नुकसान और उत्पादन प्रभावित होने जैसा हाल दिखा। भीगे लांक से मिलने वाले गेहूं की गुणवत्ता खराब होने के साथ खड़ी फसल का दाना भी खेतों में गिरा है। हालांकि गुरुवार सुबह मौसम बदला और धूप खिली, लेकिन किसान पहले अपने खेतों में ही दिखाई दिए। फसल को देखने के बाद बूथों पर पहुंचे। नुकसान की चिता तो थी, लेकिन वोट डालने का फर्ज भी पूरा किया। मतदान क्षेत्र के गांव में ऐसा ही हाल दिखा। यह बोले किसान

- बारिश से नुकसान हुआ है। यह मौका नुकसान देखने का ही नहीं, बल्कि अच्छे सांसद चुनने का था, इसलिए वोट भी डाला। सूबेदार

- रात को तो एक बार फसलों के नुकसान की स्थिति से वोट डालने का मन हटा, लेकिन नई सरकार के लिए मताधिकार किया। प्रेम सिंह

- किसानों के साथ फसलों का नफा नुकसान हर सीजन का है। वोट डालने का मौका तो पांच साल बाद ही आता है। रनवीर सिंह

- जो नेता और सरकार किसानों का भला करें इसके लिए वोट डालना अत्यंत जरूरी है। नई सरकार को हमारे बारे में सोचना होगा। किशनलाल


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