जज्बा: 1.50 लाख में करा दिया 20 लाख का काम
जनसहयोग से प्रशासन ने जो कर दिखाया, वह कम ही नजर आता है। शहर से भदौं के ताल तक सफाई की।
एटा: जनसहयोग से प्रशासन ने जो कर दिखाया, वह कम ही नजर आता है। शहर से भदौं के ताल तक की नाला सफाई महज 1.50 लाख रुपये में करा दी। जबकि इसका अनुमानित खर्चा 20 लाख रुपये था।
शहर के नाले-नालियों का 30 फीसद पानी ईसन नदी में तो 70 फीसद भदौं के ताल में जाता है। जिससे शहर को 7.5 किमी लंबा नाला जोड़ता है। इस नाले की अरसे से सफाई नहीं हुई है। यही वजह है कि शहर का पानी बाहर नहीं जा पाता। शहर के अंदर नाले हर साल साफ होते हैं फिर भी बरसात में जलभराव बना रहता है। पिछले वर्ष प्रशासन ने इस नाले की सफाई के लिए एक एजेंसी से बात की। इसमें सफाई कार्य की लागत 20 लाख रुपये बताई गई। किन्हीं वजहों से उस समय काम नहीं हो सका और मामला लटक गया। पिछले दिनों प्रशासन ने नाले की सफाई को कार्ययोजना तैयार की। जल निगम ने बिना किराये पोकलेन मशीन और नगर पालिका ने इसके लिए डीजल का इंतजाम किया। नगर पालिका के दो कर्मचारी, छछैना के मुकेश सहित कुछ आमजन का सहयोग लेकर रात-दिन काम किया गया। ज्वाइंट मजिस्ट्रेट महेंद्र ¨सह तंवर भी पहुंचकर जायजा लेते रहे। इस तरह पूरा काम डीजल के खर्चे में हो गया। अतिक्रमण भी हटेगा
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वर्षों से साफ-सफाई न होने के कारण नाले और तालाब की जमीन पर कई लोगों ने अतिक्रमण कर रखा है। कहीं कच्चे तो कहीं पक्के निर्माण हो गए हैं। ज्वाइंट मजिस्ट्रेट ने बताया कि इन अतिक्रमण को चिन्हित कर जल्द ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की जाएगी।