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पंचायत सहायक नियुक्ति पत्रावली न देने पर चार एडीओ को प्रतिकूल प्रविष्ट

धांधली पाए जाने पर विभाग में मची खलबली नियुक्ति फाइनल होने से पहले ही पकड़ में आ गईं गड़बड़ियां

By JagranEdited By: Published: Tue, 14 Sep 2021 05:40 AM (IST)Updated: Tue, 14 Sep 2021 05:40 AM (IST)
पंचायत सहायक नियुक्ति पत्रावली न देने पर चार एडीओ को प्रतिकूल प्रविष्ट
पंचायत सहायक नियुक्ति पत्रावली न देने पर चार एडीओ को प्रतिकूल प्रविष्ट

जासं, एटा: पंचायत सहायक नियुक्ति संबंधी पत्रावली डीपीआरओ कार्यालय में जमा न करने वाले चार एडीओ पंचायत को प्रतिकूल प्रविष्ट एडीपीआरओ ने दी है। चार ब्लाकों से ही पंचायत सहायक नियुक्ति संबंधी पत्रावलियां उपलब्ध कराई गई हैं।

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पंचायत भवन पर तैनात होने वाले पंचायत सहायकों को 15 सितंबर तक नियुक्ति पत्र दिए जाने हैं, लेकिन ब्लाक स्तर से नियुक्ति संबंधी पत्रावली न आने के कारण चयन प्रक्रिया में देरी हो रही है। जिले की चार ब्लाकों से ही नियुक्ति संबंधी पत्रावलियां डीपीआरओ कार्यालय में उपलब्ध कराई गई हैं। जलेसर, मारहरा, शीतलपुर, जैथरा ब्लाक से नियुक्ति संबंधित पत्रावली जिला पंचायती राज कार्यालय में जमा नहीं कराई हैं। इससे पंचायत सहायकों की नियुक्ति में विलंब हो रहा है। इस पर एडीपीआरओ मनोज कुमार ने जैथरा, मारहरा, शीतलपुर और जलेसर एडीओ पंचायत को प्रतिकूल प्रविष्ट जारी की है। बता दें कि एक ऐसे पंचायत सहायक का चयन कर लिया गया जो पहले से ग्राम पंचायत सदस्य था। यह पोल खुलने के बाद अब पंचायतीराज विभाग ने जांच का काम और तेज कर दिया है।

एडीपीआरओ मनोज कुमार ने बताया कि जिन पत्रावलियों में कमी मिल रही है, उन्हें अलग किया जा रहा है। उनका जिला स्तरीय कमेटी की बैठक में निस्तारण किया जाएगा। पंचायत सहायक नियुक्ति को लेकर पत्रावलियों में तरह-तरह की कमियां निकल रही हैं। कोविड संबंधी आवेदक को वरीयता देने के लिए प्रमाण पत्रों का अभाव मिल रहा है। स्नातक, परास्नातक पंचायत सहायक बनने की दौड़ में:

शासन ने पंचायत सहायक बनने के लिए हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की मेरिट को आधार बनाया है। छह हजार रुपये की संविदा पर नौकरी पाने के लिए स्नातक और परास्नातक वाले लोग भी दौड़ में शामिल हैं। पत्रावलियों की जांच के वक्त काफी लोग बीए, बीएससी और बीएड डिग्री धारक निकल रहे हैं। ये है नियुक्ति प्रक्रिया

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सबसे पहले ग्राम पंचायत सचिव या एडीओ के पास आवेदन जमा करना पड़ता है। इसके बाद फाइल की ब्लाक स्तर पर जांच की जाती है। फिर फाइल डीपीआरओ दफ्तर भेज दी जाती है। नियमानुसार डीपीआरओ दफ्तर से फाइल डीएम के पास जाती है। इसके बाद जिलाधिकारी, मुख्य विकास अधिकारी और डीपीआरओ की तीन सदस्यीय कमेटी नियुक्ति को फाइनल करती है।


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