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पानी टैंक बना अधिवक्ताओं के जी का जंजाल: फोटो

एटा जासं। दीवानी न्यायालय परिसर में वर्षो पुराना पालिका का ओवरहैड टैंक अधिवक्ताओं के लिए जी का जंजाल बना हुआ है। कई बार पानी की टंकी के छज्जे चटक कर गिर चुके हैं। टंकी पर चढ़ने के लिए ऊपर की ओर बनाई गई लोहे की एक सीढ़ी भी गिर चुकी है। ऐसे हाल में टंकी के नीचे बने चैंबर असुरक्षित हैं।

By JagranEdited By: Published: Fri, 21 Jun 2019 11:30 PM (IST)Updated: Sat, 22 Jun 2019 06:31 AM (IST)
पानी टैंक बना अधिवक्ताओं के जी का जंजाल: फोटो
पानी टैंक बना अधिवक्ताओं के जी का जंजाल: फोटो

एटा, जासं। दीवानी न्यायालय परिसर में वर्षो पुराना पालिका का ओवरहैड टैंक अधिवक्ताओं के लिए जी का जंजाल बना हुआ है। कई बार पानी की टंकी के छज्जे चटक कर गिर चुके हैं। टंकी पर चढ़ने के लिए ऊपर की ओर बनाई गई लोहे की एक सीढ़ी भी गिर चुकी है। ऐसे हाल में टंकी के नीचे बने चैंबर असुरक्षित हैं।

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लगभग दो दशक पूर्व शहर के कचहरी रोड पर बने न्यायालय कैंपस में वादकारियों को पेयजल की आपूर्ति के लिए ओवरहैड टैंक का निर्माण जलनिगम द्वारा कराया गया था। इसके पीछे सिर्फ यही मंशा थी कि न्यायालयकर्मियों के अलावा वादकारियों को भी गर्मी के दिनों में पानी के लिए कहीं भटकना न पड़े। मगर दीवानी न्यायालय कैंपस में बना यह ओवरहैड टैंक अर्से से पानी की बूंद तक नहीं दे रहा। कई वर्षो से पानी की आपूर्ति का संचालन इस टैंक से नही हो रहा है। न्यायालय कैंपस में पानी की टंकी के लिए मुख्यद्वार के निकट निर्मित ट्यूबवेल का भी संचालन बंद पड़ा है। जिसे चालू कराने के लिए कभी कोई प्रयास नहीं किए जा सके। फलस्वरुप पानी की विशालकाय टंकी गिराऊ हाल में खड़ी आकस्मिक खतरे की संभावना पैदा कर रही है। इस टंकी के आसपास करीब 25-30 अधिवक्ताओं के चैंबर हैं। कार्यावधि में जब भी आंधी तूफान आता है, चैंबर पर बैठे अधिवक्ताओं की धड़कनें थम सी जाती हैं। क्या कहते हैं अधिवक्ता

- पानी की टंकी की रिपेयरिग कराकर उसे दुरुस्त कराया जाए, पानी के संचालन को शुरु कराया जाए, ताकि पानी की टंकी को उपयोग में लाया जा सके।

मु. इरफान एड.

- उपयोग में न आने पर पानी की टंकी को अविलंब हटवाए जाने की पहल की जाए, जिससे आंधी तूफान और खराब मौसम में किसी बड़ी अनहोनी से बचा जा सके।

नरेश कुमार चौहान एड.

- कई बार पानी की टैंक के छज्जे के टुकड़ों के गिरने से अधिवक्ता बाल बाल बचे हैं। लोहे की सीढ़ी गिरने से भी हादसा होते होते रह गया था, मगर इसे गंभीरता से नही लिया गया।

पुष्पेंद्रपाल सिंह, एड.

- मियाद खो चुकी पानी की टंकी को हटाया जाना ही किसी भी तरह के खतरे से निपटने का बेहतर विकल्प है।

संदीप सक्सेना एड.


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