एटा में किशोरी के अपहरण की कोशिश, तेजाब डाला
छोटी बहन को बचाव कर रही थी किशोरी चेहरे की त्वचा उधड़ी आरोपित गिरफ्तार साथी की तलाश
जासं, एटा: झाड़ू-पौंछा का काम कर घर लौट रही दो बहनों को दो युवकों ने रास्ते में घेर लिया। छोटी बहन को बाइक पर जबरन बैठाने के दुस्साहस का विरोध करने पर युवक ने किशोरी के चेहरे पर रसायन डाल दिया। बहनों के शोर मचाने पर दोनों युवक भाग गए। गंभीर हालत में किशोरी को आगरा में भर्ती कराया गया है। पुलिस ने मुख्य आरोपित को गिरफ्तार कर लिया जबकि इसके साथी की तलाश कर रही है।
गुरुवार शाम की ये घटना शांतिनगर की है। दो बहनें रोज की तरह घर-घर झाड़ू-पौंछा का काम कर लौट रही थीं। शांतिनगर का ही रहने वाला मंजीत अपने एक साथी के साथ बाइक पर आया और दोनों बहनों को सुनसान जगह पर रोक लिया। छोटी बहन को बाइक पर जबरन बैठाने को खींचतान करने लगा। इस पर बड़ी बहन ने विरोध किया। मंजीत ने किशोरी के चेहरे पर रसायन डाल दिया। बहनों ने शोर मचा दिया। मंजीत अपने साथी के साथ बाइक से भाग गया।
किशोरी के स्वजन ने शुक्रवार शाम को पुलिस से शिकायत की। पुलिस ने रात में ही मंजीत को दबोच लिया। अस्पताल में भर्ती किशोरी के सामने उसे लाया गया, किशोरी ने मंजीत को पहचान लिया। आरोपित को गिरफ्तार कर लिया गया है। उससे पूछताछ की जा रही है। इसके साथी की तलाश की जा रही है।
- धनंजय कुशवाह
एएसपी
दोनों बहनों को चार दिन से मोबाइल नंबर मांगकर कर रहा था परेशान: एसिड अटैक की शिकार पीड़िता से आरोपित हमलावर चार दिन से मोबाइल नंबर मांग रहा था। दोनों बहनों को उसने परेशान कर रखा था, लेकिन इन लड़कियों ने सिर्फ एक ही भूल की कि पुलिस को जानकारी नहीं दी। घटना के बाद परिवार दहशत में है और आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण बेटी का इलाज कराने में भी सक्षम नहीं है। प्रशासन की तरफ से कोई मदद पीड़िता को नहीं मिली है।
पीड़िता के परिवार के लोगों का कहना है कि घटना के बाद बेटियों ने जानकारी दी कि आरोपित मंजीत बड़ी बेटी से छोटी बेटी का मोबाइल नंबर चार दिन से मांग रहा था। दोनों बहनों ने नंबर देने से मना कर दिया तो आरोपित धमकी देने लगा। हमलावर मुहल्ले का ही रहने वाला था, इसलिए बहनें उसे अच्छी तरह पहचानती थी, मगर उन्होंने अपने घर पर किसी को भी कुछ नहीं बताया। घटना के बाद सारी जानकारी बड़ी बेटी ने अपने परिवार को दी। उसने बताया कि दोनों बहनें जब घर से निकलकर जाती थी तो हमलावर कभी बाइक तो कभी ई-रिक्शा से पीछा करता था, लेकिन यह बेटियां उससे बचकर निकल जाती थीं। हमलावर ई-रिक्शा चलाने का ही काम करता है।
गुरुवार शाम तो हद ही हो गई, जब हमलावर अपने एक साथी के साथ बाइक पर पहुंचा और छोटी बेटी को खींचकर बाइक पर बैठाने की कोशिश की। यह कोशिश नाकाम रही। यह घटना यह भी बताती है कि जागरूकता के लिए जो अभियान चलाए जा रहे हैं उनके बारे में अभी भी महिलाओं को पूरी तरह जानकारी नहीं है। यह घटना रुक सकती थी, बशर्ते पहले ही मामला पुलिस के संज्ञान में डाल दिया जाता। कई हेल्पलाइन नंबर पुलिस ने जारी कर रखे हैं, जिन पर फोन करके मदद मांगी जा सकती थी। शहर कोतवाली में बंद आरोपित अपने आप को बेकसूर बता रहा है, लेकिन पीड़िता ने उसे पहचान लिया है।