स्कूल बने सिरदर्द, सैकड़ों बच्चों का टूटा 'सुरक्षा चक्र',
जागरण संवाददाता, एटा: खसरा-रुबेला टीकाकरण अंतिम चरण में है। एक दर्जन विद्यालयों ने अपने यहां के बच्चों को ये टीकाकरण नहीं कराने दिया है। शिक्षा विभाग के अधिकारियों से शिकायत का भी असर नहीं हुआ है। विभाग अब प्रशासन की जानकारी में यह मामला लाएगा।
- 13 विद्यालय बने अधिकारियों के लिए सिरदर्द
- 04 विद्यालयों में बिल्कुल नहीं लगे बच्चों को टीके
- 01 हजार के करीब बच्चे पढ़ते हैं उक्त विद्यालयों में
- 9 स्कूल छूटे बच्चों की नहीं दे रहे जानकारी
- दो सौ बच्चे छूट गए हैं उक्त स्कूलों में टीकाकरण से
- 6.78 लाख बच्चों को टीकाकरण का है लक्ष्य
- 6.57 लाख बच्चों को ही लग सके हैं अब तक टीके जागरण संवाददाता, एटा: खसरा-रुबेला टीकाकरण अंतिम चरण में है। एक दर्जन विद्यालयों ने अपने यहां के बच्चों को ये टीकाकरण नहीं कराने दिया है। शिक्षा विभाग के अधिकारियों से शिकायत का भी असर नहीं हुआ है। विभाग अब प्रशासन की जानकारी में यह मामला लाएगा।
टीकाकरण अभियान 26 नवंबर से शुरू हुआ है। इसमें 9 महीने से 15 वर्ष तक के सभी बच्चों को टीका लगाया जाना है। अभियान के शुरुआती दो हफ्तों में स्वास्थ्य विभाग की टीमों को सभी स्कूलों में पहुंचकर बच्चों को टीके लगाने थे। स्कूलों में शुरुआत से ही अड़चन खड़ी हो गईं। बच्चों की तबियत बिगड़ने के बाद तमाम स्कूलों ने टीके लगवाने में हाथ खड़े कर लिए। समझाने पर काफी स्कूल मान गए। शीतलपुर ब्लॉक क्षेत्र के चार स्कूल तैयार नहीं हुए हैं। नौ स्कूलों में सैकड़ों बच्चों को टीके नहीं लगे हैं। शिक्षा विभाग से शिकायत के बाद स्कूलों को पत्र जारी हुआ लेकिन कोई परिणाम नहीं निकला। 97 फीसद बच्चों को लग चुके हैं टीके:
जिले में 6.78 लाख लोगों को टीके लगाए जाने का लक्ष्य तय किया गया है। इसमें से 97 फीसद बच्चों को टीके लगाए जा चुके हैं। कुछ स्कूलों में बच्चों को टीके न लगवाने जाने की शिकायतें हैं। सभी ब्लॉकों से सूचना मांगी गई है। शिक्षा विभाग और प्रशासन के सहयोग से सौ फीसद टीकाकरण कराया जाएगा।
- डॉ. राम ¨सह, जिला प्रतिरक्षण अधिकारी