स्वयं सहायता समूह से जुड़कर सशक्त बन रहीं महिलाएं
राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन नारी सशक्तीकरण की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
देवरिया: जिले में नारी सशक्तीकरण के प्रयास जारी हैं। नए वर्ष में सरकारी व सामाजिक संगठनों की ओर से किए जा रहे प्रयास सार्थक परिणाम देंगे। महिलाओं के स्वावलंबी बनने से न केवल उनका आत्मविश्वास भी बढ़ेगा, बल्कि घर गृहस्थी को मजबूत करने में भूमिका निभाएंगी। महिला कल्याण विभाग की तरफ से भी महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक किया जा रहा है।
राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन नारी सशक्तीकरण की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। जिले में करीब 8200 स्वयं सहायता समूह गठित कर 90 हजार महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत करने का कार्य किया जा रहा है। महिलाओं ने करीब आठ करोड़ से अधिक का कारोबार कर आर्थिक मजबूती पाई है। महिलाएं मशरूम उत्पादन के क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं। नए साल में जिले के सभी परिषदीय स्कूलों के बच्चों को मीड डे मिल में मशरूम आपूर्ति करेंगी। महिलाओं को योजनाओं से लाभांवित कर रहा विभाग
महिला कल्याण विभाग की तरफ से संचालित कन्या सुमंगला योजना कन्या भ्रूण हत्या, बाल विवाह रोकने के बेटी पढ़ाओ- बेटी बचाओ अभियान को गति प्रदान कर रही है। बालिका के जन्म लेने पर दो हजार, टीकाकरण होने पर एक हजार, कक्षा पांच में दाखिला के लिए दो हजार, छह में दाखिला पर दो हजार, कक्षा नौ में दाखिला पर तीन हजार, दसवीं पास कर डिप्लोमा करने पर पांच हजार, बारहवीं पास कर स्नातक में प्रवेश के लिए पांच हजार रुपये दिए जाते हैं। योजना के तहत विभिन्न चरणों में बालिकाओं को जन्म से लेकर स्नातक तक की शिक्षा के लिए कुल 15 हजार की धनराशि छह किश्तों में दी जाती है। जिले में 2019-20 में 13108 आवेदन मिले थे, 7133 लाभार्थियों को करीब 96 लाख रुपये भुगतान किया गया। 2020-21 में अभी तक 7741 आवेदन में 2198 को 60 लाख रुपये का भुगतान किया गया है। 645 आवेदन स्वीकृत हो गए हैं। जल्द ही भुगतान किया जाएगा। इसके अलावा महिलाओं को जागरूक, सशक्त व सुरक्षित रखने के लिए अभियान चलाया जा रहा है। वन स्टाप सेंटर की स्थापना के बाद से महिलाओं को एक ही छत के नीचे सभी सुविधाएं मिल रही हैं। अबतक 100 मामले निपटाए गए हैं।