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अभी नही चेते तो बूंद-बूंद को तरस जाएंगे

देवरिया : जल संरक्षण को लेकर तमाम जागरूकता और कवायदों के बीच लोग कितने संजीदा है इसका

By JagranEdited By: Published: Mon, 25 Jun 2018 10:57 PM (IST)Updated: Mon, 25 Jun 2018 10:57 PM (IST)
अभी नही चेते तो बूंद-बूंद को तरस जाएंगे
अभी नही चेते तो बूंद-बूंद को तरस जाएंगे

देवरिया : जल संरक्षण को लेकर तमाम जागरूकता और कवायदों के बीच लोग कितने संजीदा है इसका अंदाजा जगह-जगह पानी की बर्बादी को देखकर लगा सकते हैं। वाहनों की धुलाई, दरवाजे के सामने सड़क की धुलाई और धूल पर लगाम लगाने के नाम पर बड़े पैमाने पर पानी की बर्बादी लोग कर रहे हैं। पानी शुद्ध करने के नाम पर बड़ी मात्रा में पानी हर रोज नाले में बहाया जा रहा है। गिरते भू-गर्भ जल स्तर के आगे बूंद-बूंद सहेजने की आवश्यकता है। अगर हम न चेते तो भविष्य में हम बूंद-बूंद को तरस जाएंगे।

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गिरते भू-गर्भ जल स्तर के आगे बूंद-बूंद सहेजने की आवश्यकता के बीच क्या आप की ¨चता इस पर हुई कि वाहनों की धुलाई के नाम पर कितना पानी खर्च कर रहे हैं। पानी शुद्ध करने के लिए लगी आरओ मशीन से कितना पानी व्यर्थ नालियों में बह जाता है। टंकियां भरने के बाद ओवर फ्लो की स्थिति में कितना पानी बह जाता है। पाइप में कहीं लीकेज है तो भी पानी बर्बाद जा रहा है। शहर भर में इस बात की अनदेखी का नतीजा होता है कि लाखों लीटर पानी रोज बर्बाद होता है। इस बर्बाद होते पानी को रोकर जरूरत के दूसरे काम में भी तो लगाया जा सकता है। आज की बचत ही आने वाले कल में जल संपदा बचाने का आधार बन सकती है।

वर्षा जल के प्रति अभी भी गंभीरता नहीं

यह तथ्य बहुत स्पष्ट है और सभी इससे वाकिफ हैं कि भूगर्भ जलस्तर की बिगड़ती स्थिति को संभालने के लिए वर्षा जल को सहेजना होगा। तालाब और नहर सु²ढ़ करने के साथ ही रेन हार्वे¨स्टग सिस्टम इसमें बेहद कारगर है। लेकिन, अफसरों की जल संरक्षण को लेकर ¨चता आज भी महज कागजी है। बारिश के पानी को बचाने के लिए मुहिम चलती है लेकिन, जब बारिश शुरू हो जाती है तब रेन वाटर हार्वे¨स्टग सिस्टम की याद आती है। बीते कई वर्षों से यही चला आ रहा है। शहर में आज भी रेन हार्वे¨स्टग सिस्टम पूरी तरह फलीभूत नहीं हो पाया है।

पानी शुद्ध करने में रोज बह जाता तीन गुना पानी

शुद्ध पानी पीने में तीन गुना पानी बर्बाद हो जाता है। पिछले दस साल में शहर में लोगों में पीने के पानी की शुद्धता को लेकर जागरूकता बढ़ी है। वर्तमान समय में तीन लाख से ज्यादा घरों में पानी शुद्ध करने की मशीन लगी है लेकिन, शुद्धता के चक्कर में पानी की बर्बादी खूब हो रही है। एक ग्लास शुद्ध पानी पाने के लिए मशीन से तीन ग्लास पानी नालियों में बह जाता है। एक परिवार औसतन बीस लीटर शुद्ध पानी पीता है तो 60 लीटर पानी शुद्धता के चक्कर में बह जाता है।

वाहनों को धोने में बर्बाद होता लाखों लीटर पानी

वाहनों को धोने में रोज लाखों लीटर पानी बर्बाद हो जाता है। शहर में हर जगह दिन भर वाहनों की धुलाई का कार्य चल रहा है। प्रेशर से वाहन धोने के कारण पानी बर्बाद होता है। एयर प्रेशर के माध्यम से वाहनों को साफ किया जा सकता है। इससे लाखों लीटर रोज बर्बाद हो रहा पानी बचाया जा सकता है।

लापरवाही में बर्बाद होता जल

शहर के हर घर में पीने के पानी की टंकी लगी है। पानी भरने के बाद टंकी ओवर फ्लो होने के बाद बहती रहती है। पता चलने पर मोटर बंद की जाती है। तब तक काफी पीने का पानी बह जाता है। लीकेज के चलते रोज लाखों लीटर पीने का पानी बह जाता है। जगह-जगह लगे वाल्ब भी ढीले हैं। इसके कारण पानी बहता रहता है। लीकेज ठीक हो जाए व वाल्ब बंद हो जाए तो पानी की बर्बादी बच जाएगी।


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