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रेलवे बोर्ड ने तय किया 2020 तक पूर्ण करने का लक्ष्य

हथुआ-भटनी रेललाइन परियोजना को लेकर सरगर्मी बढ़ गई है। एक तरफ रेलवे बोर्ड ने 2020 तक परियोजना को पूरा करने का लक्ष्य तय किया है तो दूसरी तरफ परियोजना को निरस्त करने के लिए हाईकोर्ट में दायर याचिका में सुनवाई के लिए अर्जी दी है। कोर्ट की तरफ से 16 नवंबर को सुनवाई की तारीख मिली है। फिलहाल परियोजना के भविष्य को लेकर अभी संशय बरकरार है

By JagranEdited By: Published: Sat, 10 Nov 2018 10:23 PM (IST)Updated: Sat, 10 Nov 2018 10:23 PM (IST)
रेलवे बोर्ड ने तय किया 2020 तक पूर्ण करने का लक्ष्य
रेलवे बोर्ड ने तय किया 2020 तक पूर्ण करने का लक्ष्य

देवरिया : हथुआ-भटनी रेललाइन परियोजना को लेकर सरगर्मी बढ़ गई है। एक तरफ रेलवे बोर्ड ने 2020 तक परियोजना को पूरा करने का लक्ष्य तय किया है तो दूसरी तरफ परियोजना को निरस्त करने के लिए हाईकोर्ट में दायर याचिका में सुनवाई के लिए अर्जी दी है। कोर्ट की तरफ से 16 नवंबर को सुनवाई की तारीख मिली है। फिलहाल परियोजना के भविष्य को लेकर अभी संशय बरकरार है।

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भूमि बचाओ किसान संघर्ष समिति की तरफ से प्रधानमंत्री कार्यालय को पत्र भेजकर परियोजना को निरस्त करने की मांग की गई है। इसके साथ ही हथुआ-पंचदेवरी रेलवे लाइन को भटनी की बजाय कुशीनगर से जोड़ने का सुझाव दिया भी गया। किसानों का कहना है कि पंचदेवरी से कुशीनगर की दूरी काफी कम है, जबकि भटनी से दूरी अधिक है। इससे परियोजना की लागत काफी कम आएगी और उपयोगिता भी बढ़ जाएगी। किसानों के इस सुझाव को पूर्वोत्तर रेलवे ने खारिज कर दिया है। पूर्वोत्तर रेलवे के उप मुख्य इंजीनियर निर्माण गजेंद्रनाथ ने पांच नवंबर को समिति को पत्र लिखकर अवगत कराया है कि हथुआ-भटनी नई रेल लाइन वर्ष 2005-06 में स्वीकृत हुई। इसके लिए भूमि अधिग्रहण लगातार किया जा रहा है। हथुआ से पंचदेवरी तक लाइन चालू कर दी गई है। रेलवे बोर्ड ने 2020 तक पूर्ण करने का लक्ष्य तय किया है। इस खंड का करीब 50 फीसद कार्य पूरा किया जा चुका है। इसलिए हथुआ-पंचदेवरी रेल लाइन को कुशीनगर से जोड़ने का सुझाव मान्य नहीं है। बता दें कि किसानों ने पीएम कार्यालय को लिखे पत्र में कहा है कि योजना आयोग से वर्ष 2005-06 में देवरिया-हथुआ के बीच रेल लाइन स्वीकृत हुई, लेकिन बाद में इसे हथुआ-भटनी के बीच स्वीकृत कराया गया। किसानों का कहना है कि भटनी से हथुआ की सड़क मार्ग से दूरी करीब 40 किलोमीटर व रेल लाइन से दूरी 80 किलोमीटर। ऐसे में परियोजना का औचित्य नहीं है। परियोजना से जनपद के करीब एक हजार किसान प्रभावित हो रहे हैं। करीब 112.49 एकड़ भूमि अधिग्रहित की जा रही है। भूमि बचाओ किसान संघर्ष समिति भटनी के उपाध्यक्ष त्रिवेणी यादव का कहना है कि हथुआ-भटनी रेललाइन परियोजना किसान हित में नहीं है। इसलिए परियोजना निरस्त करने के लिए सीएम व पीएम को पत्र लिखा गया है, लेकिन सरकार से कोई उम्मीद नहीं दिख रही है। परियोजना निरस्त करने के लिए 2012 में हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है, जिसमें सुनवाई के लिए अर्जी दी गई है। 16 नवंबर को सुनवाई होने की संभावना है। किसानों को हाईकोर्ट से राहत मिलने की उम्मीद है।

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