भोजपुरी गायिका कल्पना ने छात्राओं को दिए टिप्स
भोजपुरी की दुनिया में अपनी खनकती आवाज से सभी का ध्यान खींचने वाली कल्पना पटवारी शनिवार को देवरिया में थी। उन्होंने शहर के दीनानाथ पीजी कालेज में संगीत व भोजपुरी की कार्यशाला में संगीत से संबंधित अपनी परेशानियों को छात्राओं ने रखा तो एक-एक कर सभी का जवाब देकर उलझनों को सुलझाया
देवरिया : भोजपुरी की दुनिया में अपनी खनकती आवाज से सभी का ध्यान खींचने वाली कल्पना पटवारी शनिवार को देवरिया में थी। उन्होंने शहर के दीनानाथ पीजी कालेज में संगीत व भोजपुरी की कार्यशाला में संगीत से संबंधित अपनी परेशानियों को छात्राओं ने रखा तो एक-एक कर सभी का जवाब देकर उलझनों को सुलझाया।
उन्होंने कहा कि भोजपुरी हमारा संस्कार है, हमारी रगों में है हम इसे भुला नहीं सकते। यह माटी की भाषा है और जो मिठास इसमें है और किसी में नहीं है, इसका फलक बड़ा है। मैं मानती हूं मुझे आगे बढ़ना है समय के अनुसार अपने आप को साबित करना है तो हमें अंग्रेजी आनी चाहिए। इसका कतई मतलब यह नहीं है कि हम भोजपुरी को किनारे कर दें। देवरा तूरी किल्ली गीत मैंने गाया। जिसमें एक महिला का दर्द है वह अपने पति को घर से ले जाने का आग्रह करती है। पीड़िता गीत के माध्यम से यह कहती है कि रात में जब देवर दरवाजा खटखटा है तो मुझे हर रोज अनहोनी की आशंका सताती है मैं भयभीत रहती हूं कि मेरे साथ कुछ अनहोनी न हो जाय। मेरे गाने का निहितार्थ यह था। बाकी समझने के सभी के अपने-अपने तरीके हैं। पूनम मणि ने भी भोजपुरी पर विस्तार से प्रकाश डाला और एक गीत गुनगुनाया। संगोष्ठी को डा.अंजलिका निगम, डा.ऊषा श्रीवास्तव, मुकेश मिश्र, डा.सौरभ श्रीवास्तव, चंद्र भूषण ¨सह ने संबोधित किया। संचालन सिद्धार्थ मणि त्रिपाठी ने किया।
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भोजपुरी में अश्लीलता रोकने के लिए समवेत प्रयास की जरूरत: कल्पना
देवरिया: शहर के स्टेशन रोड स्थित एक होटल में पत्रकार वार्ता के दौरान भोजपुरी गीत गायिका कल्पना पटवारी ने कहा कि झूमने वाले गीतों के अलावा क्लासिकल गीतों पर जोर होना चाहिए। यह हमारी पुरानी विधा है और संगीत की जान है। क्लासिकल गीतों को गाना कठिन है लेकिन ये गीत ही गायक को पहचान दिलाते हैं। संगीत सीखने वाले छात्र को क्लासिकल जरूर सिखाया जाय। भोजपुरी में अश्लीलता को रोकने के लिए हम सभी को मिलकर समवेत प्रयास करना होगा।
उन्होंने कहा कि सिर्फ एक व्यक्ति के कहने से कुछ नहीं होने वाला है।
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