तीन साल बाद भी बरामद नहीं हुए असलहे
देवरिया में हुए मदनपुर कांड के तीन साल बाद भी पुलिस अपने आधा दर्जन असलहे बरामद नहीं कर सकी है।
देवरिया: चर्चित मदनपुर थाना कांड को याद कर पुलिसकर्मी भले सिहर उठते हैं, लेकिन उस मामले में कार्रवाई कछुए की चाल चल रही है। थाना फूंकने के साथ ही पुलिस का असलहा लूट लिया गया था। घटना के पांच माह बाद पुलिस मात्र एक असलहा एक आरोपित की निशानदेही पर पोखरे से बरामद की, घटना में लूटे गए आधा दर्जन असलहों की बरामदगी आज तक नहीं हो सकी है। तीन साल का समय गुजर चुका है और सात पुलिस अधीक्षक व आधा दर्जन से अधिक थानेदार बदल गए।
29 दिसंबर 2016 को मदनपुर के कोटिया मोहल्ला निवासी रहमतुल्ला गायब हो गया। चार जनवरी 2017 को उसका शव केवटलिया के पास राप्ती नदी से बरामद हुआ तो परिजन सहित आस-पास के लोग उत्तेजित हो गए और थाने पर धावा बोल असलहा समेत सरकारी गाड़ी तथा दुकानों को आग के हवाले कर दिए। थाने के आधा दर्जन से अधिक सरकारी असलहे लूट लिए। इस मामले में एक हजार से अधिक लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ और सौ से अधिक लोग जेल भेजे गए।
घटना के बाद से जिले के पुलिस अधीक्षक के पद पर मोहम्मद इमरान, राजीव मल्होत्रा, डा.राकेश शंकर, रोहन पी कनय, एन कोलांची, प्रमोद कुमार, किरीट राठौर की तैनाती हुई और स्थानांतरित भी हो गए।
पुलिस अधीक्षक डा.श्रीपति मिश्र का कहना है कि असलहों की बरामदगी के लिए टीम लगी है। आरोपितों से नुकसान की भरपाई की तैयारी की जा रही है।