नई रेलवे लाइन बिछाने का कार्य हुआ तेज
देवरिया: भटनी रेलवे जंक्शन के पश्चिम से पिवकोल रेलवे स्टेशन तक नई रेलवे लाइन बिछाने का कार्य तेज हो गया है। लगभग सात किलोमीटर तक बिछने वाली यह नई रेल लाइन के कार्य के डेढ़ साल में पूरा होने की संभावना व्यक्त की जा रही है। पहले से छोटी लाइन के लिए बनी पटरी को चौड़ा कर दिया गया है।
देवरिया: भटनी रेलवे जंक्शन के पश्चिम से पिवकोल रेलवे स्टेशन तक नई रेलवे लाइन बिछाने का कार्य तेज हो गया है। लगभग सात किलोमीटर तक बिछने वाली यह नई रेल लाइन के कार्य के डेढ़ साल में पूरा होने की संभावना व्यक्त की जा रही है। पहले से छोटी लाइन के लिए बनी पटरी को चौड़ा कर दिया गया है। उधर इस रेल लाइन के बनने के बाद पिवकोल रेलवे स्टेशन का विकास भी होगा।
गोरखपुर-छपरा रेल खंड पर भटनी रेलवे जंक्शन स्टेशन है। इस रेलवे स्टेशन से बिहार की तरफ भी ट्रेनें जाती हैं और वाराणसी की तरफ भी ट्रेनें जाती हैं। लिच्छवी एक्सप्रेस समेत कई ऐसी ट्रेनें हैं, जो बिहार से आती हैं और उन्हें भटनी रेलवे स्टेशन पर इंजन बदलने के लिए आधा घंटा से अधिक समय तक खड़ा रहना पड़ता है। इससे जहां ट्रेनें विलंब से चलती हैं, वहीं ईंधन का भी खर्च होता है। इसको देखते हुए रेलवे भटनी रेलवे स्टेशन के पश्चिम तरफ एकडंगा के समीप से पिवकोल रेलवे स्टेशन तक सात किलोमीटर नई रेलवे लाइन का कार्य शुरू कर दिया है। इस रेलवे लाइन के बिछ जाने से ट्रेनें अपने ठहराव समय तक केवल भटनी रेलवे स्टेशन पर रुकेंगी और फिर भटनी रेलवे स्टेशन को पार करते हुए एकडंगा के समीप से घूमते हुए पिवकोल रेलवे स्टेशन होते हुए वाराणसी की तरफ निकल जाएंगी। इससे तेल का भी बचत होगा और इंजन भी नहीं बदलना पड़ेगा। इतना ही नहीं, जो ट्रेनें भटनी में नहीं रुकती हैं, वह ट्रेनें भटनी रेलवे स्टेशन पर जाने की बजाए सीधे एकडंगा के समीप से कटते हुए पिवकोल रेलवे स्टेशन होते हुए वाराणसी चली जाएगी। भटनी-वाराणसी रेल खंड पर पड़ने वाले पिवकोल रेलवे स्टेशन पर 1994 तक अधिकतर ट्रेनों का ठहराव होता था, लेकिन अब इस स्टेशन पर केवल दो-तीन पैसेंजर ट्रेन व बरहज ट्रेन का ही ठहराव होता है। टिकट की बिक्री कम होने के चलते इस स्टेशन को ठेके पर दे दिया गया है, जिसके चलते हमेशा इस स्टेशन पर उदासी ही दिखती है। इस नई रेलवे लाइन के बिछ जाने से पिवकोल रेलवे स्टेशन का विकास होगा।
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तीन जगहों पर बनेगा अंडरपास
सात किलोमीटर तक बिछ रही नई रेलवे लाइन के बीच में पड़ने वाले तीन रेलवे ढालों के पास अब अंडर पास बनेगा। ताकि लोग नीचे से ही निकल जायेंगे। भटनी से भरथुआ तक ट्रक समेत अन्य वाहन जाते हैं। लोगों का कहना है कि अंडरपास में बड़े वाहन निकलना संभव नहीं है। जिसके चलते यह दिक्कत भी आएगी।