सात वर्षीय बेटे ने दी मुखाग्नि, भर आई लोगों की आंखें
सुनील यादव की शव यात्रा निकली तो बड़ी संख्या में लोगों की आंख नम हो गई। पूरे रास्ते लोग नारा लगा रहे थे। छोटी गंडक नदी के सोहगरा घाट पर सात वर्षीय बेटा अंश ने मुखाग्नि दी। बुजुर्ग, नौजवान व सैकड़ों की संख्या में महिलाओं ने अंतिम बार चेहरा देखा तो उनकी आंखें भर आईं
देवरिया : सुनील यादव की शव यात्रा निकली तो बड़ी संख्या में लोगों की आंख नम हो गई। पूरे रास्ते लोग नारा लगा रहे थे। छोटी गंडक नदी के सोहगरा घाट पर सात वर्षीय बेटा अंश ने मुखाग्नि दी। बुजुर्ग, नौजवान व सैकड़ों की संख्या में महिलाओं ने अंतिम बार चेहरा देखा तो उनकी आंखें भर आईं। महिलाएं दहाड़ मारकर रोने लगीं। पत्नी सीमा यादव रोते-रोते बेहोश हो जा रही थी, जबकि मां गायत्री देवी का रोते-रोते बुरा हाल था। कलेजे के टुकड़े को देखते ही बेहोश होकर गिर पड़ी। वहीं भाई अन्नू व चाचा हरेराम भी बिलख रहे थे। मित्र रजनीश त्रिपाठी शिप्पू जब मित्र को कंधा देने के लिए पहुंचे तो दहाड़ मारकर रोने लगे। यह देख लोगों ने उन्हें ढांढस बढ़ाया। लोगों को रोता देख बेटा अंश व उसका छोटा भाई अनुराग भी रोने लगे। अनुराग तो यह कह रहा था कि पापा क्यों नही उठ रहे हैं? उसकी यह बात सुनकर सभी निरुत्तर गए।
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मटियरा जगदीश के प्रधान सुनील के पिता रामअधार किसान हैं। सुनील ने कम उम्र में गंवई राजनीति से जुड़ गए और लोगों के निकट आ गए। हर किसी के दुख-सुख में शामिल होने का कार्य करते हुए पहली बार क्षेत्र पंचायत सदस्य चुने गए। इसके बाद ग्राम प्रधान पद के लिए चुनाव लड़े, लेकिन हार गए। दूसरी बार में ग्राम प्रधान की कुर्सी पर काबिज हो गए। पूरे परिवार को लेकर चलने की जिम्मेदारी सुनील पर थी।
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