मिश्रौली के लोगों से मिले अधिकारी
देवरिया के इस गांव में आशियाना खोने वाले परिवारों की सुधि लेने पहुंचे डीएम।
देवरिया: तहसील के मिश्रौली गांव में बेघर परिवारों की रात बड़ी मुश्किल से कटी। आशियाना खोने के बाद कई परिवारों ने प्लास्टिक तानकर रात गुजारी। परिवार के सदस्य व बच्चे भूखे पेट ही सो गए। वहीं डीएम अमित किशोर गरीब परिवारों का हाल जानने रात में गांव पहुंचे। उन्होंने राहत सामग्री मुहैया कराई। साथ ही बेघर दो परिवारों को आवास दिलाने का आश्वासन दिया।
मिश्रौली गांव में एक दशक से पोखरी व बंजर भूमि पर 14 परिवार मकान बनाकर रह रहे थे। इसमें कुछ लोगों ने दो मंजिला मकान बना लिया तो तीन परिवारों का इंदिरा आवास भी बना था। हाईकोर्ट के आदेश पर तहसील प्रशासन ने सभी मकान ध्वस्त करा दिए। मकान ध्वस्त होने के बाद सुबास, राजेंद्र का परिवार प्लास्टिक की पन्नी तानकर गुजारा कर रहा है। जय प्रकाश, बृद्धि व राम प्रवेश के परिवार के लोग प्राथमिक विद्यालय में शरण लिए हैं। रविवार को तहसीलदार सतीश कुमार मिश्रौली पहुंचे तथा बेघर हुए लोगों को सांत्वना दी।
सरकारी भूमि पर कैसे बन गया इंदिरा आवास व 14 शौचालय
तहसील प्रशासन ने बंजर की भूमि पर बने 14 शौचालयों व तीन इंदिरा आवास को ढहा दिया। यह सभी सरकारी धन से बना था। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि आखिर सरकारी भूमि पर बनाने से पहले भूमि का सत्यापन क्यों नहीं कराया गया। सरकारी धन के दुरुपयोग के लिए कौन जिम्मेदार है।
मैं रात में बेघर परिवारों से मिला। सभी गरीब लोग हैं। जिन दो लोगों के पास आवास नहीं है, उसे आवास दिलवाया जाएगा। बाकी लोगों के पास रहने के लिए घर है। परिवारों में राहत सामग्री का वितरण कराया गया।
-अमित किशोर, डीएम