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पटाखा विस्फोट के हादसों से नहीं लिया सबक

पटाखा विस्फोट की घटनाओं से महकमे में जिम्मेदार अधिकारियों ने कोई सबक नहीं लिया। हादसों में जन-धन का काफी नुकसान हुआ। इसके बाद भी विस्फोटक बेचने में नियमों की अनदेखी हो रही है। बीते पांच वर्ष में पटाखा विस्फोट में चार लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि आधा दर्जन से अधिक लोग घायल हो चुके हैं।

By JagranEdited By: Published: Sat, 03 Nov 2018 11:50 PM (IST)Updated: Sat, 03 Nov 2018 11:50 PM (IST)
पटाखा विस्फोट के हादसों से नहीं लिया सबक
पटाखा विस्फोट के हादसों से नहीं लिया सबक

देवरिया: पटाखा विस्फोट की घटनाओं से महकमे में जिम्मेदार अधिकारियों ने कोई सबक नहीं लिया। हादसों में जन-धन का काफी नुकसान हुआ। इसके बाद भी विस्फोटक बेचने में नियमों की अनदेखी हो रही है। बीते पांच वर्ष में पटाखा विस्फोट में चार लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि आधा दर्जन से अधिक लोग घायल हो चुके हैं।

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केस नंबर एक-

मईल क्षेत्र के पिपरामिश्र गांव में पटाखा की मिनी फैक्ट्री चल रही थी। मई 2015 में गांव का सुभाष पुत्र रामलोचन पटाखा बना रहा था। अचानक मकान में विस्फोट हो गया, जिससे सुभाष के शव के चिथड़े उड़ गए थे। रिश्तेदारी में आया आजमगढ़ के विशुनपुरा निवासी सन्नी पुत्र रामाश्रय भी विस्फोट का शिकार हो गया था। कुछ ही दूरी पर बैठी सुभाष की पत्नी भी घायल हो गई थी। मकान पूरी तरह से नष्ट हो गया। घटना में लाखों की संपत्ति का नुकसान हुआ था।

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केस नंबर दो-

अक्टूबर 2017 में खामपार क्षेत्र के ¨भगारी बाजार में पटाखा बनाने के दौरान विस्फोट हो गया, जिसमें दो लोगों की मौत हो गई थी। पांच लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे। ¨भगारी बाजार निवासी वकील मियां पटाखा बनाने का पुश्तैनी काम करता था। पांच अक्टूबर को पटाखा बनाते समय मकान में अचानक विस्फोट हो गया। वकील मियां और मुन्नू की हादसे में मौत हो गई थी, जबकि विजलिस, अरमान समेत अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए थे। ¨भगारी बाजार में बीते एक दशक में कई बार हादसे हुए, जिसमें आधा दर्जन से अधिक लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी।

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केस नंबर तीन-

रामपुर कारखाना पुलिस ने बीते दीपावली में छापेमारी कर बड़ी मात्रा में पटाखा बरामद किया था। जब्त पटाखों को थाने में स्टोर किया गया था। अलाव तापने के दौरान हादसा हो गया था, जिसमें कांस्टेबिल अजीत ¨सह घायल हो गए थे। कलाई से उनके दोनों हाथों को काटना पड़ा था।

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40 लोगों को दिया लाइसेंस

पुराने नियमों पर चालीस लोगों को पटाखा बेचने की अनुमति दी गई है। पटाखा कारोबारी संतोष चौरसिया का सोमनाथ मंदिर के पास पटाखा का गोदाम है। वहीं कसया रोड पर मातेश्वरी, गोरखपुर रोड पर गो¨वद की दुकान है। शहर में पटाखों के भंडारण से लोग खतरे में हैं।

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अवैध पटाखा बेचने वालों के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है। सुरक्षा मानक के साथ कोई खिलवाड़ नहीं होने दिया जाएगा।

-रामनगीना ¨सह, एफएसएसओ

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