शांति व सुख का आधार है श्री रामचरित मानस: प्रेम भूषण
एसएसबीएल इंटर कालेज में श्रीराम कथा के दौरान कथा वाचक प्रेम भूषण जी महाराज ने कहा कि मानस सुख और शांति का आधार है।
देवरिया: शहर के एसएसबीएल इंटर कालेज परिसर में श्रीराम कथा में मंगलवार को प्रेम भूषण जी महराज ने कहा कि श्रीराम चरित मानस सुख और शांति का आधार है। श्रीराम चरितमानस को मानस में धारण किया जाए और जब आप ज्ञान के नेत्रों से इसका अवलोकन करेंगे तो शांति व सुख की प्राप्ति होगी।
उन्होंने कहा कि साधक के साथ विश्राम करने से साधन बनता है और बाधक के साथ विश्राम करने से विभिन्न विघ्नों का सामना करना पड़ता है। इसलिए विश्राम हर जगह नहीं करना चाहिए। जो भी अपने सौभाग्य की सराहना करता है उसका दुर्भाग्य भी सौभाग्य में बदल जाता है, इसलिए सभी को अपने सौभाग्य की सराहना करते रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रार्थना, पुरुषार्थ और प्रार्थना का परिणाम है भगवान श्री राम का दर्शन। सत्कर्म से ही भगवान की भक्ति प्राप्त होती है। बड़ा कौन होता है? बड़ा वो होता है जिसकी सोच बड़ी होती है। जिसका व्यवहार बड़ा होता है वो बड़ा होता है। श्रेष्ठ बनाया-बिगाड़ा नहीं जाता है, श्रेष्ठ होता है। भगवान का स्वरूप जो जान जाएगा वो यहां रह ही नहीं सकता है, क्योंकि जिसने भी प्रभु का साक्षात्कार कर लिया वो उन्हीं के धाम चला गया। राम जी केवल प्रेम को ही प्रेम करते हैं, राम जी को प्रेम से जाना जा सकता है। जीने का फल है श्री राम सुमिरन और जीने का फल है श्री राम का स्मरण करना।
यहां मुख्य रूप से मुख्य यजमान संजय बजाज, नित्यानंद पांडेय, प्रधानाचार्य अजय मणि त्रिपाठी, अरुण बरनवाल, कपिल सोनी, जावेद अहमद, रीना केडिया, डा. सौरभ श्रीवास्तव, राजू वर्मा, गिरधारी अग्रवाल, उपेंद्र मणि, पुरुषोत्तम मरोदिया, अशोक बजाज, राजेंद्र जायसवाल आदि मौजूद रहे।