Move to Jagran APP

स्वामित्व योजना में ड्रोन से शुरू हुआ गांवों का सर्वेक्षण

सीआरओ अमृतलाल बिद ने बताया कि स्वामित्व योजना के तहत सर्वे कार्य शुरू हो गया है। इसके लिए अभी एक ड्रोन उपलब्ध हुआ है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 12 Jan 2021 12:38 AM (IST)Updated: Tue, 12 Jan 2021 12:38 AM (IST)
स्वामित्व योजना में ड्रोन से शुरू हुआ गांवों का सर्वेक्षण
स्वामित्व योजना में ड्रोन से शुरू हुआ गांवों का सर्वेक्षण

देवरिया: स्वामित्व योजना के तहत सदर तहसील के गांवों का ड्रोन तकनीक से सर्वेक्षण कार्य शुरू हो गया है। दो दिन के भीतर तेरह गांवों का सर्वे कार्य पूरा हो चुका है। सदर तहसील का कार्य पूरा होने के बाद दूसरे तहसीलों में कार्य शुरू होगा। इसके लिए जिले में एक ड्रोन मंगाया गया है।

loksabha election banner

वहीं गैर आबाद ग्राम (जहां आबादी न हो), नगर निकायों में शामिल होने वाले गांवों व चकबंदी की प्रक्रिया वाले गांवों का ड्रोन सर्वेक्षण कार्य नहीं किया जाएगा। शासन ने आबादी सर्वेक्षण के लिए अधिसूचित ग्रामों, अधिसूचित ग्रामों में गैर आबाद ग्रामों, श्रेणी 6 (2) आबादी भूमि नहीं होने व नगर निकायों में शामिल हो चुके अधिसूचित ग्रामों, चकबंदी प्रक्रिया के अधीन व विशिष्ट कारणों से ड्रोन सर्वे किया जाना संभव न होने वाले ग्रामों व अधिसूचित ग्रामों में से वास्तविक रूप से ड्रोन सर्वे किए जा सकने वाले ग्रामों की संख्या का विवरण मांगा है।

सीआरओ अमृतलाल बिद ने बताया कि स्वामित्व योजना के तहत सर्वे कार्य शुरू हो गया है। इसके लिए अभी एक ड्रोन उपलब्ध हुआ है। जिसके माध्यम से सर्वे कराया जा रहा है। पायलट प्रोजेक्ट के रूप में दस गांवों में कार्य पूरा

पायलट प्रोजेक्ट के रूप में प्रथम चरण में जिले के दस गांव चयनित हुए थे। इसमें सदर तहसील के महाराजपुर, बरेजी, वरवा, करौंदी, तरकुलवा, परसिया मिसकारी, बरवा गौर स्थान, सुकरौली, दुबौली, देवरिया दूबे गांव शामिल थे। इन गांवों में 10 अक्टूबर 2020 को स्वामित्व योजना के तहत आवासीय अधिकार अभिलेख (घरौनी प्रमाण पत्र) वितरण कर दिया गया। क्या है स्वामित्व योजना

योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले गृहस्वामियों को अधिकार अभिलेख उपलब्ध कराया जाएगा। बैंकों से ऋण लेने व अन्य वित्तीय लाभों के लिए अपनी संपत्ति को वित्तीय संपत्ति के रूप में उपयोग करने में सक्षम बनाएगा। व्यक्तिगत ग्रामीणों की संपत्ति के सीमांकन के अलावा ग्राम पंचायतों व सामुदायिक संपत्ति जैसे गांव की सड़कें, तालाब, नहरें, खुले स्थान, स्कूल, आंगनबाड़ी, स्वास्थ्य उपकेंद्र आदि का भी सर्वेक्षण किया जाएगा। यही नहीं इससे जीआइएस मानचित्र भी बनाए जाएंगे। योजना का मकसद संपत्ति संबंधी विवादों व कानूनी मामलों को कम करना है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.