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देवरिया कांड की आरोपी गिरिजा त्रिपाठी की आय की जांच होगी

देवरिया बालिकागृह कांड की मुख्य आरोपित गिरिजा त्रिपाठी पर शिकंजा कसने की तैयारी है। दो से तीन दिन के अंदर बैंक खाता एसआइटी सीज करा सकती है।

By Nawal MishraEdited By: Published: Fri, 17 Aug 2018 06:34 PM (IST)Updated: Sat, 18 Aug 2018 04:43 PM (IST)
देवरिया कांड की आरोपी गिरिजा त्रिपाठी की आय की जांच होगी
देवरिया कांड की आरोपी गिरिजा त्रिपाठी की आय की जांच होगी

देवरिया (जेएनएन)। बालिकागृह कांड की मुख्य आरोपित गिरिजा त्रिपाठी पर और शिकंजा कसने की तैयारी है। गिरिजा की आय और संपत्ति की जांच कराने की एसआइटी में शामिल अधिकारियों ने उच्चाधिकारियों से बातचीत की है। साथ ही गिरिजा त्रिपाठी की खातों पर भी एसआइटी की नजर है। हालांकि अभी तक एसआइटी ने न्यायालय में इसके लिए कोई अर्जी नहीं दी है। कहा जा रहा है कि दो से तीन दिन के अंदर बैंक खाता एसआइटी सीज करा सकती है। 

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समाजसेवा सेवा से पंद्रह साल में करोड़पति 

देवरिया कांड की जांच करने के लिए एसआइटी सात दिनों से देवरिया में है। कहा जा रहा है कि डेढ़ दशक में गिरिजा त्रिपाठी समाजसेवा करने की बात कहते हुए करोड़पति बन गई। इस कांड का पर्दाफाश होने के बाद मामले की विवेचना कर रही एसआइटी की नजर गिरिजा की संपत्ति पर है। एसआइटी में शामिल सूत्रों का कहना है कि अगर गिरिजा समाजसेवा करती थी तो पंद्रह साल में करोड़पति कैसे बन गई? इसकी आय का स्रोत क्या रहा? इसकी भी जांच कराने की तैयारी है। उच्चाधिकारियों से इसको लेकर बातचीत चल रही है। जल्द ही इसके लिए पहल की जाएगी। उधर गिरिजा के बैंक खातों पर रोक लगवाने के लिए एसआइटी लगातार कानून के जानकारों से राय ले रही है। गुरुवार को भी एसआइटी न्यायालय तो पहुंची, लेकिन अभी तक इसके लिए कोई अर्जी नहीं दी है। 

तो मान्यता रोकने के बाद भी आया रुपया 

एसआइटी एक-एक बिंदु पर गंभीरता से विवेचना कर रही है। सूत्रों की मानें तो विवेचना में एक नई बात सामने आई है। कहा जा रहा है कि 23 जून 2017 को मान्यता रोक दी गई, लेकिन नौ लाख रुपये से अधिक 31 जुलाई 2017 को संस्था के खाते में आया है। साथ ही एक बार 2018 में भी रुपये उनके खाते में आया है। हालांकि इसकी आधिकारिक कोई पुष्टि नहीं कर रहा है।  


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