सात परियोजनाएं बंद होने से पेयजल का संकट
ग्रामीण पेयजल योजना के तहत संचालित सात परियोजनाएं बंद पड़ी हुई हैं, जिससे ग्रामीण प्रदूषित पानी पीने को मजबूर हैं।
देवरिया: ग्रामीण पेयजल योजना के तहत संचालित सात परियोजनाएं बंद पड़ी हुई हैं, जिससे ग्रामीण प्रदूषित पानी पीने को मजबूर हैं। जो परियोजनाएं बंद पड़ी हैं, उसमें किसी परियोजना के पाइप टूटे हुए हैं तो कोई लीकेज है, वहीं कुछ परियोजनाएं विद्युत खराबी के चलते बंद पड़ी हुई हैं।
सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को शुद्ध पेयजल मुहैया करानी चाहती है। ताकि किसी को जलजनित बीमारी न हो, लेकिन कर्मचारियों और अधिकारियों के लापरवाही से परियोजनाएं बंद पड़ी हैं, जिसका खामियाजा ग्रामीणों को भुगतना पड़ रहा है। पानी के लिए कनेक्शन लेने पर उपभोक्ता को पचास रुपये प्रति माह यूजर चार्ज देना पड़ता है। जिन उपभोक्ताओं ने पैसा देकर कनेक्शन लिए है। उनको शुद्ध पेयजल के लिए तरसना पड़ रहा है।
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बंद पड़ी परियोजनाएं
-लार विकास खंड के नेमा में लीकेज के कारण बंद।
-सलेमपुर के रामपुर बछउर में परियोजना बंद।
-भागलपुर के जिरासों में ट्रांसफार्मर खराब होने से परियोजना बंद।
-सलेमपुर के बनकटा मिश्र में पाइप लाइन क्षतिग्रस्त होने के कारण बंद।
-पथरदेवा के बंजरिया में रोड चौड़ीकरण के कारण पाइपलाइन क्षतिग्रस्त
-पथरदेवा के बघौचघाट में रोड चौड़ीकरण के कारण पाइपलाइन क्षतिग्रस्त।
-लार के रामनगर में पाइलाइन क्षतिग्रस्त के कारण बंद।
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जल निगम और ग्राम पंचायतों को बंद पड़ी परियोजनाओं को चालू कराने का निर्देश दिया गया है। कुछ परियोजनाओं की पाइपलाइन रोड चौड़ीकरण के कारण क्षतिग्रस्त है। इसके लिए उच्चाधिकारियों को अवगत करा दिया गया है।
श्रीकृष्ण पांडेय
जिला विकास अधिकारी
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