किसानों की फसल निगल रही सरयू की लहरें
कपरवार स्थित संगम पर सरयू नदी की असमय कटान से किसानों की मुश्किल बढ़ गई है।
देवरिया: कपरवार स्थित संगम पर सरयू नदी की असमय कटान से किसानों की मुश्किल बढ़ गई है। कृषि योग्य भूमि की कटान करते हुए नदी लगातार गांव से फासला घटाती जा रही है। रोजाना करीब एक बीघा खेती योग्य भूमि नदी की गोद में समा रही है। नदी का रुख देख ग्रामीण परेशान हैं। उनकी पीड़ा है कि शिकायत करने के बावजूद अधिकारी कटाव रोधी उपाय नहीं कर रहे हैं।
जलस्तर कम होने के बाद सरयू व राप्ती के संगम तट पर एक माह पूर्व शुरू हुई कटान फिलहाल थमने का नाम नहीं ले रही है। सरयू की लहरें कपरवार के किसानों की कृषि योग्य भूमि को हर पल लील रही हैं। एक माह में अब तक करीब 20 एकड़ भूमि कटान की भेंट चढ़ चुकी है। तीन वर्ष में नदी की कटान से लगभग दो सौ एकड़ कृषि भूमि नदी की धारा में समा चुकी है। तीन वर्ष से लगातार हो रही कटान को रोकने के लिए प्रशासन द्वारा कोई इंतजाम नहीं किया जा रहा है। कटान से नदी नई धारा बनाते हुए गांव की ओर उत्तर तरफ बढ़ रही है। खेतों में बोई गई चना, सरसों, गेहूं, बरसीम की फसल कटाल की भेट चढ़ रही है। नदी व ऐतिहासिक रामजानकी मार्ग के बीच एक किलोमीटर का फासला रह गया है। ज्ञानेश्वर ¨सह, तेजनारायन ¨सह, सुरेश यादव, सिधेश्वर ¨सह, कामेश्वर ¨सह, अशोक ¨सह, वीर बहादुर ¨सह आदि किसानों का कहना है कि कटान इसी तरह हुई तो गांव नदी की धारा में विलीन हो जाएंगे। कटान रोकने के लिए लिए कई बार तहसील प्रशासन को प्रतिवेदन दिया गया, लेकिन कोई भी हमारी बात नहीं सुन रहा है।
इस संबंध में उपजिलाधिकारी विनीत कुमार ¨सह ने बताया कि अभी कटान की बात मेरे संज्ञान में नहीं थी। लेखपाल को भेज कर कटान की स्थिति का पता कराता हैं। कटान रोकने के लिए बाढ़ खंड को पत्र भेजा जाएगा।