Move to Jagran APP

बिना फायर सिलेंडर दौड़ रहीं रोडवेज बसें

परिवहन निगम की बसों व बस अड्डे पर यात्रियों की सुरक्षा में बड़ी चूक बरती जा रही है। बस में शार्ट सर्किट से या फिर बस अड्डे पर किसी कारण से आग लगती है, तो बचाव के लिए हाथ खाली होंगे।

By JagranEdited By: Published: Sun, 07 Oct 2018 10:48 PM (IST)Updated: Sun, 07 Oct 2018 10:48 PM (IST)
बिना फायर सिलेंडर दौड़ रहीं रोडवेज बसें
बिना फायर सिलेंडर दौड़ रहीं रोडवेज बसें

देवरिया: परिवहन निगम की बसों व बस अड्डे पर यात्रियों की सुरक्षा में बड़ी चूक बरती जा रही है। बस में शार्ट सर्किट से या फिर बस अड्डे पर किसी कारण से आग लगती है, तो बचाव के लिए हाथ खाली होंगे, क्योंकि बसों में लगे अग्निशमन यंत्र गायब हैं, तो बस अड्डे पर आग बुझाने के लिए रखी बालू भरी बाल्टी कूड़ादान बन गई है। ऐसे में, यात्रियों की जान जोखिम में पड़ जाए तो इन्कार नहीं किया जा सकता।

loksabha election banner

दैनिक जागरण ने रविवार को रोडवेज की बसों में सुरक्षा इंतजाम की पड़ताल की लापरवाही सामने आई। देवरिया से गोरखपुर जाने वाली निगम की बस में फ‌र्स्ट एड बाक्स नहीं था तो अग्निशमन यंत्र में गैस नहीं थी। परिचालक ने बताया कि खाली सिलेंडर मिला ही है। रुद्रपुर देवकली, देवरिया से गड़ौना जाने वाली बस में भी यही स्थिति थी। अधिकांश अनुबंधित बसों में फ‌र्स्ट एड बाक्स व फायर सिलेंडर नहीं है। गोरखपुर से रेवली तक चलने वाली बस में खाली सिलेंडर डैस बोर्ड में रखा हुआ मिला।

-----

खाली व एक्सपायर हैं 60 फीसद सिलेंडर

देवरिया डिपो में प्रतिदिन करीब 169 बसों का संचालन किया जा रहा है। प्रदेश सरकार के निर्देश पर यात्रियों की सुरक्षा को लेकर रोडवेज बसों में फ‌र्स्ट एड किट और अग्निशमन यंत्र लगवाए गए थे। समय बीतने के साथ-साथ फ‌र्स्ट एड किट और अग्निशमन यंत्र एक्सपायर हो गए। इसके बाद इन्हें न तो बदला गया और न ही इनकी मरम्मत कराई गई। प्रतिदिन करीब पांच हजार से ज्यादा यात्री इन बसों में सफर करते हैं। परिवहन विभाग की यह लापरवाही यात्रियों पर कभी भी भारी पड़ सकती है।

----

यात्री सुरक्षा इंतजाम ताक पर

मोटर व्हीकल एक्ट के तहत बसों में अग्निशमन यंत्र का होना जरूरी है, लेकिन रोडवेज की तकरीबन साठ फीसदी बसें बिना आग सुरक्षा इंतजाम के ही दौड़ रही हैं। मोटर व्हीकल एक्ट (एमवी एक्ट) में यात्री सुरक्षा के तमाम प्रावधान किए गए हैं। एक्ट की धारा 150 के तहत बसों में अग्निशमन यंत्र का होना अनिवार्य किया गया है, ताकि आकस्मिक स्थिति में आग जैसी घटनाओं से निपटा जा सके।

----

किसी भी बस में फ‌र्स्ट एड बाक्स नहीं लगे हुए हैं। न तो फायर एक्स¨टग्यूशर है। ऐसे में कोई हादसा होता है, तो कौन जिम्मेदार होगा? विभाग को यात्रियों की सुरक्षा के प्रति गंभीरता से सोचना चाहिए। चोट लगने पर तो बस रोकवा कर इलाज कराना पड़ता है।

-राहुल कुमार, यात्री

----

बसों में प्राथमिक चिकित्सा का कोई इंतजाम ही नहीं है। एक बार मुझे बस में चढ़ते वक्त चोट लग गयी। जब मैंने कंडक्टर से बैंडेड मांगा तो उसका कहना था कि बैंडेड नहीं है। बसों में सुरक्षा व यात्री सुविधाएं बढ़ानी चाहिए।

-अमलेश यादव, यात्री

---

यात्रियों की सुरक्षा को लेकर निगम गंभीर है। बसों में फायर सिलेंडर व फ‌र्स्ट एड बाक्स लगाए गए हैं। सुरक्षा को लेकर थोड़ी बहुत जो कमियां है उसे दूर करने का काम किया जा रहा हैं। जिन बसों में फायर सिलेंडर व प्राथमिक चिकित्सा बाक्स नहीं उसमें शीघ्र लगवा दिया जाएगा। अनुबंधित बसों में सर्वाधिक लापरवाही है।

-आरवी विश्वकर्मा, एआरएम देवरिया

----


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.