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अस्पताल से दर्द लेकर लौटे मरीज, हड्डी रोग विभाग में हंगामा

जिला चिकित्सालय में इलाज कराने आए मरीज शनिवार को परेशान हाल रहे। सुबह आठ से दोपहर दो बजे तक लाइन लगाने के बाद भी अधिकांश मरीजों को इलाज नहीं मिला जिससे मरीज पूरी व्यवस्था को कोसते घर को लौटे। हड्डी रोग विभाग में चिकित्सक को दिखाने के लिए दिन में एक बजे मरीजों ने कई बार हंगामा किया।

By JagranEdited By: Published: Sat, 23 Mar 2019 11:55 PM (IST)Updated: Sat, 23 Mar 2019 11:55 PM (IST)
अस्पताल से दर्द लेकर लौटे मरीज, हड्डी रोग विभाग में हंगामा
अस्पताल से दर्द लेकर लौटे मरीज, हड्डी रोग विभाग में हंगामा

देवरिया: जिला चिकित्सालय में इलाज कराने आए मरीज शनिवार को परेशान हाल रहे। सुबह आठ से दोपहर दो बजे तक लाइन लगाने के बाद भी अधिकांश मरीजों को इलाज नहीं मिला, जिससे मरीज पूरी व्यवस्था को कोसते घर को लौटे। हड्डी रोग विभाग में चिकित्सक को दिखाने के लिए दिन में एक बजे मरीजों ने कई बार हंगामा किया। होमगार्ड किसी तरह से मरीजों की भीड़ को नियंत्रित किए।

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सुबह आठ बजे से ही अस्पताल के पंजीकरण काउंटर पर मरीजों की लंबी लाइन लग गई। मरीज पर्ची चिकित्सकों के कक्ष में क्रमबद्ध रख कर बारी की प्रतीक्षा में बैठ गए। दिन में बाल रोग विभाग में डा.एके वर्मा, डा.एके सिंह, डा.रामसकल यादव ने मरीजों को देखा। डा.आरके श्रीवास्तव अवकाश पर हैं। इनके अलावा डा. एनके पांडेय, डा.एएम वर्मा, डा.प्रतीक केजरीवाल ने भी मरीजों को देखा। सुबह वार्ड में भर्ती मरीजों का राउंड लेने में ही चिकित्सकों को 12 बज जाता है। इस बीच इमरजेंसी काल पर वार्ड व इमरजेंसी में भी जाना पड़ता है। ऐसे में जितनी देर चिकित्सक नहीं रहते हैं मरीज इंतजार में बैठे रहते हैं। ऐसे में दो घंटे में कब ओपीडी का समय समाप्त हुआ पता ही नहीं चलता। दिन में तकरीबन दो सौ से अधिक मरीज यहां से बिना दिखाए वापस लौट गए। बच्चों के बीमारी की आवश्यक दवाएं समाप्त हैं। मरीजों को बाहर से दवाएं खरीदनी पड़ रही है। हड्डी रोग विभाग में डा.शुभलाल व डा.एसके सिंह मरीजों को देख रहे थे। इस बीच डा.शुभलाल बारह बजे ओटी में आपरेशन करने के लिए चले गए। इस बीच मरीजों ने कई बार हंगामा किया। स्ट्रेचर के अभाव में हड्डी रोग विभाग में मरीज को टांग कर ले जाते देखा गया। सीएमएस डा.छोटेलाल ने कहा कि अचानक मरीजों की संख्या बढ़ने से परेशानी है, लेकिन क्या किया जाएगा। चिकित्सकों को सख्त निर्देश है कि मरीजों को हर हाल में देखना है। लापरवाही हुई तो कार्रवाई भी की जाएगी।


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