देवरिया में निकाली गई राम बरात, नागरिकों ने किया स्वागत
देवरिया के बाबा दुग्धेश्वरनाथ मंदिर के समीप रामलीला में कलाकारों ने शनिवार की रात राम बरात की झांकी निकाली। जुलूस के दौरान नागरिक भगवान राम और लक्ष्मण पर पुष्प की वर्षा की। यहां और जयकारे लगा रहे थे
देवरिया: रुद्रपुर उपनगर स्थित बाबा दुग्धेश्वरनाथ मंदिर के समीप रामलीला में कलाकारों ने शनिवार की रात राम बरात की झांकी निकाली। राम बरात रामलीला मैदान से चलकर खजुहा चौराहा ,सरदार वल्लभ भाई पटेल चौराहा, बससटेशन, पुराना चौक पुन्नी लाल चौराहा होते हुए थाना जमुनी चौराहा आदर्श चौराहा से कार्यक्रम स्थल पर जाकर समाप्त हुआ। जुलूस के दौरान नागरिकों भगवान राम ओर लक्ष्मण पर पुष्प की वर्षा की और जयकारे लगा रहे थे।
इस दौरान रामलीला समिति के अध्यक्ष आनंद ¨सह एडवोकेट, पन्ने लाल यादव, भोलू पाण्डेय, विकास पाण्डेय, मोहन गुप्ता, कमलेश सिंह, मृत्युंजय सैनी अनिरुद्ध, श्रवण पटेल, मृत्युंजय गिरी सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे। राम-केवट संवाद का मंचन जिसका नाम लेने मात्र से ही लोग भवसागर से पार उतर जाते है उस मर्यादा पुरुषोत्तम राम व माता जानकी को वनगमन के समय केवट ने बिना पांव धोये नाव पर चढ़ाने से इन्कार दिया। जिसका उसने बड़ा मार्मिक तर्क भी दिया। भक्तिपूर्ण जिद पूरी होने पर केवट ने तारणहार को नाव से नदी पार कराई।
क्षेत्र के ग्राम बरांव में आयोजित रामलीला में ग्रामीण कलाकारों ने सोमवार को उक्त कथा का भाव पूर्ण मंचन किया। पिता दशरथ व माता कैकेई की आज्ञा से प्रभु श्रीराम, भ्राता लक्ष्मण व माता जानकी जब वन के लिए चले तो पूरी अयोध्या रो पड़ी। श्रीराम के नदी पार होने पर जब वह केवट को उतराई देने लगे तो केवट ने बड़े ही मार्मिक भाव में कहा की हे प्रभु मैंने आपको नदी की धारा पार कराई है, इसके बदले आप मुझे भव सागर पार करा देना।