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कृषि गोदाम पर दलहन बीज ऊंट के मुंह में जीरा

किसानों के प्रति सरकार जो दावे करती है वह हवा-हवाई है। सरकारी गोदामों पर मटर चना मसूर के बीज नहीं हैं। किसान परेशान हैं। कृषि गोदाम पर केवल गेहूं के बीज हैं। मटर चना मसूर गायब हैं।

By JagranEdited By: Published: Fri, 23 Oct 2020 11:21 PM (IST)Updated: Fri, 23 Oct 2020 11:21 PM (IST)
कृषि गोदाम पर दलहन बीज ऊंट के मुंह में जीरा
कृषि गोदाम पर दलहन बीज ऊंट के मुंह में जीरा

देवरिया: किसानों की खरीफ की फसल चौपट हो गयी। रबी की बारी आई तो कृषि विभाग ने दलहनी बीजों के लिए हाथ खड़े कर दिए। प्राइवेट दुकानों पर दलहनी फसलों के बीज तो हैं लेकिन उनके गुणवत्ता को लेकर किसान परेशान हैं।

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किसानों के प्रति सरकार जो दावे करती है वह हवा-हवाई है। सरकारी गोदामों पर मटर, चना, मसूर के बीज नहीं हैं। किसान परेशान हैं। कृषि गोदाम पर केवल गेहूं के बीज हैं। मटर, चना, मसूर गायब हैं।

लार के कृषि गोदाम पर मटर, चना व मसूर के 40-40 किलो बीज आया था। आते ही एक-दो प्रभावशाली किसान बीज ले गए। लार क्षेत्र के 71 गांवों के लिए 40 किलो बीज, कितनी हास्यास्पद स्थिति है। इस क्षेत्र में 105995 हेक्टेयर कृषि योग्य भूमि पर गत वर्ष रबी की बोआई हुई थी। इस वर्ष जल जमाव की वजह से कई खेतों में दिसम्बर तक पानी भरे रहने का अनुमान है। ऐसे में रबी की बोआई का क्षेत्रफल घटेगा। ऊंची जमीन वाले खेतों को जोत कर तैयार करने के बाद जब किसान चना, मसूर, एवं मटर के बीज के लिए कृषि गोदाम पर जा रहे तो उन्हें निराशा ही हाथ लग रही। मध्य अक्टूबर से मध्य नवंबर तक दलहनी फसल बोने का उत्तम समय है। बारिश की वजह से बोआई बिलंब से शुरू हुई, ऊपर से बीजों का अभाव किसानों को दिक्कत में डाल रहा।

दलहनी बीज के अलावा तिलहनी बीज का भी कृषि गोदाम पर अभाव है। अलसी का बीज तो आया ही नहीं, सरसो का बीज मात्र 40 किलो आया था। किसान मजबूर होकर प्राइवेट दुकानों से दलहनी व तिलहनी के बीज खरीद रहे हैं। गेहूं की मात्र एक प्रजाति गोदाम पर उपलब्ध एच डी2967 प्रजाति के गेहूं के 400 कुंतल बीज कृषि गोदाम पर उपलब्ध है। दूसरी किसी प्रजाति के गेहूं के बीज गोदाम पर नहीं हैं। हालांकि गेहूं के बोआई इस वर्ष देरी से होगी। खेतों को निखरने में अभी समय लगेगा। गेहूं के बोने का उत्तम समय 15 नवम्बर से 15 दिसम्बर तक होता है लेकिन खेतों में पानी होने की वजह से इस वर्ष न केवल देरी से बोआई होगी, बल्कि क्षेत्रफल भी कम होगा। नीची जमीन में इस वर्ष किसान गेहूं उत्पादन नहीं कर पाएंगे।

प्रभारी, कृषि गोदाम-लार सुभाष विश्वकर्मा ने बताया कि बीजों की मात्रा सरकार तय करती है। हम केवल वितरण करते हैं। चना, मटर, मसूर, सरसो अल्प मात्रा में आया। हमारे पास गेहूं के मात्र एच डी 2967 प्रजाति के 400 क्विंटल बीज हैं। दूसरी प्रजाति का बीज नहीं मिला है। जो उपलब्ध है वह किसानों को उचित दर पर दिया जा रहा है।


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