उल्टी, दस्त व बुखार के रोगी बढ़े, अस्पताल में कई दवाएं खत्म
हड्डी रोग विभाग की ओपीडी में दो डाक्टर बैठे और रोगियों का इलाज करना शुरू किए। ऐसे में जो भी रोगी आए उनका इलाज कर एक्सरे व ब्लड टेस्ट करा कर दिखाने के लिए पर्ची पर लिखते। पैथालाजी व एक्सरे कक्ष में दोपहर तक रोगियों की भीड़ लगी रही।
देवरिया: जिले में उमस भरी गर्मी के बीच रोगियों के बढ़ने का सिलसिला लगातार जारी है। उल्टी, दस्त, पेट दर्द व बुखार के रोगियों की संख्या बढ़ने से जिला अस्पताल में रोगियों का समुचित इलाज नहीं हो पा रहा है। अस्पताल में दुर्व्यवस्था के कारण रोगियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। जिला अस्पताल की पूरी व्यवस्था भगवान भरोसे है। गुरुवार को रोगियों की भीड़ से पूरी व्यवस्था चरमरा गई।
सुबह आठ बजते ही रोगियों की भीड़ रजिस्ट्रेशन काउंटर पर उमड़ी। वहां से पर्ची लेने के बाद रोगी ओपीडी में संबंधित रोगों के इलाज के लिए विभिन्न विभागों में पहुंचे। यहां दंत रोग विभाग में डा. अजीज अहमद, चेस्ट रोग विभाग में डा. डीके सिंह, शिशु एवं बाल रोग विभाग में डा. एसएन सिंह, सर्जरी विभाग में डा. मानवेंद्र, फिजीशियन कक्ष में डा. शिराजुद्दीन, स्किन रोग विभाग में डा. अजीत पाल, नाक काल गला रोग विभाग में डा. दयाशंकर, हड्डी रोग विभाग में डा. पीएन कन्नौजिया व एसके सिंह ने रोगियों का इलाज किया। एक्स-रे व पैथालाजी में जांच के लिए हंगामा
हड्डी रोग विभाग की ओपीडी में दो डाक्टर बैठे और रोगियों का इलाज करना शुरू किए। ऐसे में जो भी रोगी आए उनका इलाज कर एक्सरे व ब्लड टेस्ट करा कर दिखाने के लिए पर्ची पर लिखते। पैथालाजी व एक्सरे कक्ष में दोपहर तक रोगियों की भीड़ लगी रही। जांच व रिपोर्ट में लिए रोगियों ने कई बार यहां हंगामा किया। 12 बजे के बाद रोगियों का अल्ट्रासाउंड नहीं हुआ पूछने पर पता चला डाक्टर साहब चले गए। स्ट्रेचर व ह्वील चेयर को लेकर परेशान रहे रोगी
दिव्यांग मुराती देवी को ह्वील चेयर की आवश्यकता थी पर उन्हें नहीं मिला। स्वजन उन्हें टांग कर ओपीडी ले गए। यही हाल रामनाथ देवरिया के बुजुर्ग मुंद्रिका प्रसाद का भी था। हड्डी रोग विभाग में आधा दर्जन से अधिक ऐसे लोग दिखे जो रोगी को टांग कर ले जाते दिखे। एक माह से गैस की दवा समाप्त
दवा वितरण कक्ष पर डाक्टर की लिखी सभी दवाएं नहीं मिली। डाक्टर ने अगर दवाएं पांच लिखी हैं, उसमें तीन या दो दवा देकर अन्य को बाहर से लेने को कहा गया। गैस की दवा एक माह से नहीं है। बच्चों के दस्त का सीरप, एलर्जी का सीरप, झटके की दवा, सांस फूलने की दवा, बच्चों के उल्टी का सीरप, बच्चों के लिए एंटीबायोटिक, एलर्जी का इंजेक्शन आदि दवाएं समाप्त हैं, जिससे रोगियों को बाहर से दवाएं खरीदनी पड़ रही हैं। दवा वितरण कक्ष पर दवा लेने के लिए कई बार लोगों ने हंगामा किया। यहां से होमगार्ड गायब रहे।
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दिनांक-----------------रोगियों की संख्या
18 मई----------------1325
19 मई---------------1215
20 मई---------------1243
21मई----------------1202
22मई----------------1886
24 मई---------------1651
25 मई---------------1339
26 मई---------------1401
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इन दिनों उल्टी, दस्त, बुखार के मरीजों की संख्या बढ़ी है। रोगियों को बेहतर उपचार दिया जा रहा है। जो भी दवाएं नहीं हैं, उन्हें मंगाने का प्रयास किया जा रहा है। सभी डाक्टरों को निर्देश दिया गया है कि रोगियों का उपचार बेहतर ढंग से करें। कहीं भी लापरवाही दिखी तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।
डा. आनंद मोहन वर्मा, सीएमएस
जिला अस्पताल