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परमाणु विस्फोट पर बोला तो अटल से मिली शाबाशी

अटल बिहारी वाजपेयी का व्यक्तित्व चुंबकीय था। वह नरम दिल इंसान थे। वह काम को गंभीरता से लेते थे लेकिन, खुद को नहीं। संसद में जब खड़े होते थे तो विपक्ष कितना भी गुस्से में होता, शांत हो जाता।

By JagranEdited By: Published: Thu, 16 Aug 2018 11:40 PM (IST)Updated: Thu, 16 Aug 2018 11:40 PM (IST)
परमाणु विस्फोट पर बोला तो अटल से मिली शाबाशी
परमाणु विस्फोट पर बोला तो अटल से मिली शाबाशी

देवरिया : अटल बिहारी वाजपेयी का व्यक्तित्व चुंबकीय था। वह नरम दिल इंसान थे। वह काम को गंभीरता से लेते थे लेकिन, खुद को नहीं। संसद में जब खड़े होते थे तो विपक्ष कितना भी गुस्से में होता, शांत हो जाता। यह कहना है देवरिया के पूर्व सांसद व लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) श्रीप्रकाश मणि त्रिपाठी का।

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संसद से जुड़े एक प्रसंग को साझा करते हुए उन्होंने बताया कि अटल जी ने एक बार मुझसे कहा कि परमाणु विस्फोट के पक्ष में भाषण तैयार करो। संसद में बोलना है। मैंने भाषण तैयार किया और संसद में 35 मिनट तक भाषण दिया। अटल अपनी सीट से मुड़े, मेरे पास आए और हाथ मिलाकर शाबाशी दी। अगले दिन सांसदों की बैठक थी। अटल ने सांसदों से पूछा कि आप लोग संसद नहीं अटेंड करते हैं। क्या आपने जनरल साहब का भाषण सुना। इस पर सभी सांसद खामोश थे। अटल ने आगे कहा कि भाषण की कापी लेकर पढि़ए। एक अन्य प्रसंग की चर्चा करते हुए पूर्व सांसद ने बताया कि अटल सरकार में उन्हें 8000 करोड़ रुपये के शेयर घोटाले की जांच के लिए बनी संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) का अध्यक्ष बनाया था। समिति ने 18 माह में अपनी रिपोर्ट दे दी। इस पर अटल जी ने चुटकी ली कि आप कांग्रेस को अच्छा डील कर लेते हैं। अटल जी के निधन से दुखी लेफ्टिनेंट जनरल त्रिपाठी ने उनसे अपने राजनीतिक रिश्ते पर भावुक शब्दों में कहा कि उनकी राजनीति अटल से ही शुरू हुई और उन्हीं के साथ समाप्त हो गई।


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