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दुनिया में प्रेम के शिवा कुछ नहीं: मोतीलाल

दुनिया में प्रेम के शिवा और कुछ नहीं है। इतिहास इस बात का गवाह है। इस देश के ऋषियों ने अंत प्रकृति और बाह्य प्रकृति के क्षेत्र में जो कुछ बहुमूल्य प्रयोग किए प्रक्रियाएं विकसित की उन सब में निश्चित रूप से प्रेम को बेशकीमती ठहराया जा सकता है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 25 Mar 2019 12:17 AM (IST)Updated: Mon, 25 Mar 2019 12:17 AM (IST)
दुनिया में प्रेम के शिवा कुछ नहीं: मोतीलाल
दुनिया में प्रेम के शिवा कुछ नहीं: मोतीलाल

देवरिया : दुनिया में प्रेम के शिवा और कुछ नहीं है। इतिहास इस बात का गवाह है। इस देश के ऋषियों ने अंत: प्रकृति और बाह्य प्रकृति के क्षेत्र में जो कुछ बहुमूल्य प्रयोग किए, प्रक्रियाएं विकसित की, उन सब में निश्चित रूप से प्रेम को बेशकीमती ठहराया जा सकता है।

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यह बातें बहोरवामठ में गोष्ठी को संबोधित करते हुए बाबा राघव दास इंटर कालेज के पूर्व प्रवक्ता मोतीलाल ने कही। उन्होंने कहा कि मेरे द्वारा एक वृहद गणित व विज्ञान सार संग्रह पुस्तक लिखी जा रही है। गोष्ठी को मुख्य रूप से आनंदवर्धन त्रिपाठी, रमेशलाल श्रीवास्तव, अवधेश कुशवाहा, माधव मिश्र, उमाशंकर सिंह आदि ने संबोधित किया।


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