स्कूल में बुनियादी सुविधाएं नहीं, अफसर बेखबर
सलेमपुर के ग्राम कोल्हुआ में स्थित प्राथमिक विद्यालय में पर्याप्त भवन भी नहीं है। कोरोना काल के चलते स्कूल में बच्चे तो नहीं आ रहे हैं। लेकिन परिसर में उपयोग योग्य तीन कमरे हैं।
देवरिया : सरकार द्वारा कायाकल्प की पूरी कोशिश के बावजूद परिषदीय विद्यालयों की स्थिति दयनीय ही है। स्कूलों में न तो पर्याप्त शिक्षक हैं और न ही संसाधन। इसके बावजूद विद्यालयों के संपूर्ण कायाकल्प का दावा किया जा रहा है। ऐसा ही एक परिषदीय विद्यालय कोल्हुआ भी है।
विकास खंड सलेमपुर के ग्राम कोल्हुआ में स्थित प्राथमिक विद्यालय में पर्याप्त भवन भी नहीं है। कोरोना काल के चलते स्कूल में बच्चे तो नहीं आ रहे हैं। लेकिन परिसर में उपयोग योग्य तीन कमरे हैं। एक कक्ष में प्रधानाध्यापक का कार्यालय है। बाकी दो कमरों में एक से पांच कक्षा तक के छात्रों के पढ़ने का इंतजाम है। एक कक्ष में एक व दो के छात्र तथा दूसरे कमरे में तीन-तीन कक्षाओं के छात्रों एक साथ बैठकर पढ़ाने की व्यवस्था है, जिसमें कक्षा तीन, चार व पांच के बच्चे एक साथ पढ़ते हैं। दो कमरों का एक और भवन तो है लेकिन पूरी तौर पर जर्जर हो चुका है तथा उपयोग योग्य नहीं है। विद्यालय भरथुआ-भटनी मार्ग के किनारे पर स्थित है। परिसर की चहारदीवारी नहीं है। जिससे हमेशा दुर्घटना की आशंका बनी रहती है। परिसर में लगे दो-दो हैंडपंप हैं लेकिन दोनों का पानी पीने योग्य नही है। स्कूल में 78 बच्चों का नामांकन है। जिन्हें पढ़ाने के लिए मात्र दो शिक्षक कार्यरत हैं। संख्या के अनुरूप चारण शिक्षकों की तैनाती होनी चाहिए ।
प्रधानाध्यापक संजय राव ने कहा कि पर्याप्त भवन न होने से काफी परेशानी होती है। दूसरी कक्षा के भी छात्रों को एक साथ बैठाकर पढाना पड़ता है। विद्यालय में चहारदीवारी बहुत जरूरी है।