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सीबीआइ के छापे से जनपद में हड़कंप

अवैध बालू खनन की जांच सीबीआइ कर रही है। बुधवार को सीबीआइ की दो टीमों ने देवरिया के रामपुर कारखाना थाना क्षेत्र में छापेमारी की और दोनों ठेकेदारों से पूछताछ की और देर रात टीम वापस हो गई। साथ ही पट्टे से संबंधित कागजात को भी टीम अपने साथ लेकर चली गई।

By JagranEdited By: Published: Thu, 11 Jul 2019 11:14 PM (IST)Updated: Thu, 11 Jul 2019 11:14 PM (IST)
सीबीआइ के छापे से जनपद में हड़कंप
सीबीआइ के छापे से जनपद में हड़कंप

देवरिया : अवैध बालू खनन की जांच सीबीआइ कर रही है। बुधवार को सीबीआइ की दो टीमों ने देवरिया के रामपुर कारखाना थाना क्षेत्र में छापेमारी की और दोनों ठेकेदारों से पूछताछ की और देर रात टीम वापस हो गई। साथ ही पट्टे से संबंधित कागजात को भी टीम अपने साथ लेकर चली गई। सीबीआइ के छापे के बाद जिले में हड़कंप मच गया है। सीबीआइ की जांच की आंच कुछ सफेदपोश के साथ ही कुछ अन्य अधिकारियों पर भी आ सकती है।

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पूर्ववर्ती सपा सरकार में छोटी गंडक नदी व घाघरा नदी से अवैध बालू खनन का धंधा जोरों पर था। इस काले कारोबार में कई सफेदपोश भी संलिप्त थे। विभागीय लोगों की मानें तो तत्कालीन डीएम विवेक व तत्कालीन एडीएम प्रशासन डीएस उपाध्याय के जमाने में बालू खनन कार्य में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी सामने आई है। एक दिन पूर्व सीबीआइ की दो टीमें रामपुर कारखाना के बरईपार राव में ठेकेदार फूलबदन व रामपुर के शाहजहांपुर निवासी शारदा यादव के घर पहुंची और घंटों पूछताछ की।साथ ही पट्टे से संबंधित कागजातों को भी देखा। इसके बाद देर रात टीम लौट गई। सूत्रों का कहना है कि कई तरह की गड़बड़ी की गई है। कई जगह ऐसा मामला भी सामने आया है कि पट्टा जिसके नाम से किया गया, उसको इसकी जानकारी तक नहीं रही। सीबीआइ के जिले में आने के बाद से रैकेट से जुड़े लोगों में खलबली मच गई है। न तो संरक्षण देने वाले सफेदपोश नजर आ रहे हैं और न ही कोई अधिकारी ही कुछ भी कहने को तैयार है।


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